अश्रुत पूर्वा संवाद II
नई दिल्ली। साहित्यकार प्रभा वर्मा को सरस्वती सम्मान देने का एलान किया गया है। उन्हें यह सम्मान उनकी काव्यकृति ‘रौद्र सात्विकम’ के लिए दिया जा रहा है। यह जानकारी केके बिड़ला फाउंडेशन ने दी। फाउंडेशन के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एके सीकरी की अध्यक्षता वाली चयन परिषद ने प्रभा वर्मा की मलयाली कृति का चयन किया।
सरस्वती सम्मान प्रति वर्ष किसी भारतीय नागरिक की उत्कृष्ट साहित्यिक रचना को दिया जाता है। इस सम्मान के अंतर्गत 15 लाख रुपए की पुरस्कार राशि दी जाती है। इसके साथ ही एक प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिह्न दिया जाता है। फाउंडेशन के मुताबिक पांच क्षेत्रीय समितियों ने चयन परिषद को कृतियों के नाम भेजे थे। इनमें हरीश मीनाश्रु की गुजराती कविता ‘बनारस डायरी’, प्रभा वर्मा की रचना ‘रौद्र सात्विकम’, गंगाधर का संथाली उपन्यास ‘पोसरा’, सैयद मोहम्मद अशरफ का उर्दू उपन्यास ‘सांवरिया’ और नगेन सैकिया की असमी कविता ‘मित भास समग्र’ शामिल है।
चयन परिषद की बैठक में सरस्वती सम्मान के लिए प्रभा वर्मा की मलयाली कृति को चुना गया। इस रचना में सत्ता और राजनीति और कला व शक्ति के संबंधों में व्याप्त अंतर्विरोधों का एक विशेष शैली में विश्लेषण किया गया है। सरस्वती सम्मान सबसे पहले हरिवंश राय बच्चन की कृति ‘दशद्वार से सोपान’ तक के लिए दिया गया।
प्रभा वर्मा प्रसिद्ध मलयाली साहित्यकार हैं। उनका जन्म केरल के तिरुवल कस्बे में हुआ। वर्मा को इससे पहले साहित्य अकादेमी पुरस्कार मिल चुका है। उनकी मलयाली और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में रचनाएं हैं। प्रभा वर्मा से पहले रामदरश मिश्र, विजय तेंदुलकर रमाकांत रथ, पद्मा सचदेव, सुनील गंगोपाध्याय, एम पीरप्पा मोइली और विजय तेंदुलकर के अलावा दिलीप कौर टिवाणा को भी सरस्वती सम्मान मिल चुका है।