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‘रूहानी रिश्ते’ को अनिता प्रभाकर सम्मान

अश्रुत पूर्वा II

नई दिल्ली। लेखिका अनीता प्रभाकर की स्मृति में हिंदी में शुरू की गई प्रथम कहानी प्रतियोगिता में मेरठ की रेनू मंडल  की कहानी ‘रूहानी रिश्ते’ को प्रथम घोषित किया गया है। जबकि दूसरे स्थान पर छत्तीसगढ़ रायपुर की रजनी शर्मा की कहानी ‘बीस कोड़ी गांव’ ने बाजी मारी है। तीसरे स्थान के लिए क्रम से दिल्ली के सुदर्शन खन्ना और नोएडा की मीनू त्रिपाठी की ‘दृष्टिकोण’ और ‘वापसी संभव’ कहानियों का चयन किया गया है। सांत्वना पुरस्कार के लिए भी सात लेखिकाओं का भी चयन किया गया है।
हिंदी में यह कहानी प्रतियोगिता प्रसिद्ध साहित्यकार विष्णु प्रभाकर की सबसे बड़ी बेटी और लेखिका अनीता प्रभाकर की स्मृति में विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान द्वारा शुरू की गई है, जो अब हरेक साल आयोजित की जाएगी। प्रतियोगिता के विजेताओं को 27 अप्रैल 2024 को नई दिल्ली स्थित साहित्य अकादेमी के सभागार में पुरस्कृत किया जाएगा।
विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान के मंत्री अतुल कुमार प्रभाकर का कहना है कि यह बहुत सुखद बात है कि मौजूदा समय में हिंदी कहानी लेखन में भारी संख्या में महिलाएं अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। उनके मुताबिक प्रतियोगिता के लिए कुल 139 कहानियां प्राप्त हुईं, जिनमें 95 महिलाओं  और 44 पुरुष लेखकों ने अपनी-अपनी कहानियां भेजी थीं।  यह और भी सुखद बात है कि  सभी  11 विजेताओं में एक पुरुष के साथ सभी महिलाएं ही हैं। कहानियों का चयन तीन चरणों में पूरा हुआ। निर्णायक मंडल में  कथाकार महेश दर्पण, साहित्यकार  डॉ ब्रजेन्द्र त्रिपाठी और अलका सिन्हा शामिल थीं।
प्रतियोगिता के लिए देश के विभिन्न राज्यों के साथ साथ विदेश (कनाडा) से भी कहानियां आई।
सांत्वना पुरस्कार के लिए जिन लेखिकाओं का चयन किया गया है उनमें हंसा दीप, (कनाडा),  रंजना जायसवाल, मिजार्पुर, सुमन वाजपई, दिल्ली, वसुधा कनुप्रिया, दिल्ली, आशा शर्मा, बीकानेर, कृष्णलता यादव, गुरुग्राम, नीरू मित्तल नीर, पंचकूला के नाम शामिल हैं।

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