अश्रुत पूर्वा II
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित लेखिका गीतांजलि श्री का मानना कि कि वे कोई फिल्म अभिनेत्री या क्रिकेट स्टार नहीं हैं। एक दिन आएगा जब लोग उन्हें भूल जाएंगे। मैं कोई फिल्म कलाकार नहीं हूं कि लोग हमेशा मेरे पीछे भागते रहेंगे। समय के साथ यह सब शांत हो जाएगा। फिर मैं अपने शांत माहौल में लौट जाऊंगी। चर्चित लेखिका अपने सम्मान में यहां आयोजित एक कार्यक्रम में यहां बोल रही थीं।
गीतांजलि श्री को उनके उपन्यास ‘रेत समाधि’ के अंग्रेजी अनुवाद ‘टूम्ब आफ सैंड’ के लिए पिछले दिनों बुकर पुरस्कार मिला था। इस उपन्यास का अनुवाद डेजी रॉकवेल ने किया है। गीतांजलि पहली भारतीय लेखिका हैं जिन्हें बुकर प्राइज मिला है। अपने सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा, यह किसी फिल्म कलाकार या क्रिकेटर जैसा मामला नहीं है कि लोग मेरे पीछे हमेशा भागते रहेंगे। समय के साथ यह खत्म हो जाएगा तब मैं अपने शांत माहौल में फिर से लौट जाऊंगी। मैं दोनों तरह से खुश रहूंगी।
- गीतांजलि पहली भारतीय लेखिका हैं जिन्हें अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार मिला है। दिल्ली में अपने सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा, यह किसी फिल्म कलाकार या क्रिकेटर जैसा मामला नहीं है कि लोग हमेशा मेरे पीछे भागते रहेंगे। समय के साथ यह खत्म हो जाएगा और मैं अपने शांत माहौल में फिर से लौट जाऊंगी। मैं दोनों तरह से खुश रहूंगी।
उन्होंने कहा, हां, जीवन बदल गया है, लेकिन किसी को भी संतुलन बनाना होता है और कुछ हद तक वह माहौल वापस तलाशना होता है। यह जरूरी है। यह पूछे जाने पर कि उन्होंने अपनी भविष्य की किताबों से उम्मीदों को लेकर किस तरह के दबाव से निपटने की योजना बनाई है, लेखिका ने कहा, मैंने कभी पाठक संख्या के बारे में नहीं सोचा, न तो पहले, न ही अब। इसलिए मुझ पर कोई दबाव नहीं है।
लेखिका ने कहा कि जीवन बदल गया है क्योंकि दुनिया भर के पत्रकार साक्षात्कार के लिए उनके पीछे पड़े हुए हैं। उनके मित्रों और शुभचिंतकों का दायरा बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, मैं बहुत शांति पसंद व्यक्ति हूं। लेकिन यह तय है कि समय के साथ लोग उन्हें भूल जाएंगे। (यह प्रस्तुति मीडिया में आई खबरों पर आधारित)