अश्रुत पूर्वा संवाद II
नई दिल्ली। प्रख्यात संगीतकार और गायक भूपेन हजारिका पर किताब लिखी जाए और शहर भर में चर्चा न हो, यह भला कैसे संभव है। जी हां, हजारिका पर एक किताब आई है जिसका दिल्ली में विमोचन किया सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खान ने। इस पुस्तक का शीर्षक है- ‘भूपेन हजारिका : वॉल्यूम 2’, इसका संपादन किया है उत्पल मेना ने। जबकि इसका अनुवाद भैरबनान बोरा ने किया है।
इस पुस्तक में सायरा बानो, ए आर रहमान और रवीना टंडन जैसी कई शख्यिसतों के आलेख हैं। पुस्तक के पहले संस्करण में संपादकों ने भूपेन हजारिका के संगीत पर विस्तृत चर्चा की थी। और इस बार के संस्करण में हजारिका की रचनाओं का विश्लेषण किया गया है।
पुस्तक के दूसरे संस्करण में भूपेन हजारिका की रचनाओं का विश्लेषण किया गया है। इसके अलावा हजारिका के संगीत, राजनीतिक और सांस्कृतिक दर्शन पर भी निबंध हैं। असमिया, बांग्ला, नेपाली और मराठी में मूल रूप से लिखे गए आलेखों का अंग्रेजी में अनुवाद किया गया है। ये सभी आलेख पुस्तक में शामिल किए गए हैं।
इसके अलावा हजारिका के संगीत, राजनीतिक और सांस्कृतिक दर्शन पर भी निबंध हैं। असमिया, बांग्ला, नेपाली और मराठी में मूल रूप से लिखे गए आलेखों का अंग्रेजी में अनुवाद किया गया है। ये सभी आलेख पुस्तक में शामिल किए गए हैं।
पिछले दिनों देश की सांस्कृतिक राजधानी में पुस्तक ‘भूपेन हजारिका : वॉल्यूम 2’ के विमोचन के अवसर पर मशहूर सरोद वादक अमजद अली खान ने हजारिका की सराहना करते हुए कहा कि संगीतकार का कवि भी होना बहुत दुर्लभ होता है। वे ऐसे ही थे। कई संगीतकारों को स्कूल या कॉलेज जाने का मौका नहीं मिला क्योंकि वे आमतौर पर रियाज में व्यस्त रहते थे। लेकिन भूपेन उन सबसे अलग थे। वे गायक, संगीतकार, गीतकार और लेखक भी थे। वे वस्तुत: रचनात्मकता का प्रतीक थे। पुस्तक के विमोचन के मौके पर हजारिका की पत्नी नृत्यांगना शुभलक्ष्मी बरुआ ने पति की यादें ताजा कीं।
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