अश्रुतपूर्वा II
नई दिल्ली। क्या आपको उनका इंतजार है? तो दिल थाम लीजिए। वे आ रही हैं। जी हां, सितारवादक अनुष्का शंकर भारत आ रही हैं। वे यहां दिसंबर में तीन शहरों में अपनी प्रस्तुतियां देंगी। उनके कार्यक्रमों से जुड़े आयोजकों का कहना है कि अनुष्का अपनी यात्रा के दौरान 11 दिसंबर को बंगलुरु के गुड शेफर्ड स•ाागार में प्रस्तुति देंगी। इसके बाद 16 दिसंबर को मुंबई के षणमुखानंद सभागार में उनका संगीत कार्यक्रम होगा। वे 18 दिसंबर को दिल्ली के सिरीफोर्ट सभागार में भी कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगी। अनुष्का अपने नए संगीत रिलीज के संबंध में भारत की यात्रा कर रही हैं।
ग्रेमी पुरस्कार के लिए नामांकन हासिल करने वाली संगीतकार अनुष्का ने एक बयान में कहा है कि वे काफी दिनों बाद प्रस्तुति देने के लिए भारत आने के लिए बेहद उत्साहित हैं। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि मैं संगीत और रचनात्मक रूप से एक अलग जगह पर हूं और भारत में अपने दर्शकों के साथ इस नए और रोमांचक शो को साझा करने का और इंतजार नहीं कर सकतीं।
अनुष्का इससे पहले 2020 में भारत आई थीं। वे दिग्गज सितारवादक दिवंगत पंडित रवि शंकर की बेटी हैं। इकतालीस साल की इस युवा सितारवादक ने कहा, मैं इस बार वास्तव में असाधारण संगीतकारों के एक समूह के साथ जुड़ कर धन्य हो गई हूं। मुझे उम्मीद है कि लोग संगीत का आनंद लेंगे।
बता दें कि अनुष्का इससे पहले 2020 में भारत आई थीं। वे दिग्गज सितारवादक दिवंगत पंडित रवि शंकर की बेटी हैं। इकतालीस साल की इस युवा सितारवादक ने कहा, मैं इस बार असाधारण संगीतकारों के एक समूह के साथ जुड़ कर धन्य हो गई हूं। मुझे उम्मीद है कि लोग संगीत का आनंद लेंगे।
अनुष्का शंकर 16 दिसंबर को मुंबई में अपनी प्रस्तुति के दौरान दिसंबर 2012 में सामूहिक बलात्कार और हत्या की पीड़िता को श्रद्धांजलि देंगी। बताया गया है कि वे अपनी एलबम ‘ट्रेसेज आफ यू’ के 2013 के गाने ‘इन ज्योतिज नेम’ के नए तरीके से बनाए गए संस्करण को भी जारी करेंगी। ‘इन ज्योतिज नेम’ गाने में निकिता गिल की कविता भी शामिल है।
अनुष्का शंकर ने कहा कि दिल दहला देने वाले सामूहिक बलात्कार और हत्या के उस मामले के दस साल बाद भी महिलाओं पर हमले, उनकी हत्या, उनकी आजादी पर खतरे और सुरक्षित न रहने की न जाने कितनी कहानियां हैं। उन्होंने कहा कि ‘इन हर नेम’ के जरिए मौजूदा समय में दुनिया भर में महिलाओं के अनुभव, सुरक्षा, भय से मुक्तिऔर स्वतंत्रता के लिए उनकी लड़ाई के दायरे को व्यापक बनाने की कोशिश की गई है। (मीडिया में आई खबरों के आधार पर पुनर्प्रस्तुति)