अश्रुत तत्क्षण

जयपुर साहित्य महोत्सव की तैयारियां, कई सत्र और ढाई सौ से अधिक वक्ता

अश्रुतपूर्वा II

नयी दिल्ली। जयपुर साहित्य महोत्सव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसके सोलहवें संस्करण का आयोजन 19 से 23 जनवरी को जयपुर में होगा। साहित्य के इस कुंभ में 20 भारतीय भाषाओं और 14 अंतरराष्ट्रीय भाषाओं को जगह दी जाएगी। आयोजकों के मुताबिक इस बार जयपुर साहित्य महोत्सव दुनिया भर के ढाई सौ ज्यादा वक्ताओं की मेजबानी करेगा। इसमें नोबेल, बुकर, इंटरनेशनल बुकर, पुलित्जर, साहित्य अकादेमी, बैली गिफोर्ड, पेन अमेरिका लिटरेरी अवार्ड्स, डीएससी प्राइज फॉर साउथ एशियन लिटरेचर से सम्मानित हस्तियां भी शामिल होंगी।
प्रतिष्ठत लेखिका और जयपुर साहित्य महोत्सव की सह निदेशक नमिता गोखले ने कहा कि इंटरनेशनल बुकर प्राइज से सम्मानित गीतांजलि श्री और उनकी अंग्रेजी अनुवादक डेजी रॉकवेल, बुकर विजेता श्रीलंकाई लेखक, शेहान करुणातिलक, नोबेल विजेता अब्दुलरजाक गुरनाह और अंतरराष्ट्रीय और साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित लेखक इस उत्सव में शामिल होंगे।

इस साल भाषा की विविधता का उत्सव मनाते हुए कई सत्र आयोजित किए जाएंगे। इसमें कई सत्र होंगे। कई नामचीन हस्तियां इसमें हिस्सा लेंगी। 

आयोजकों के मुताबिक साहित्य महोत्सव विविध विषयों को समेटे हुए है, जैसे समय की तात्कालिकता, संस्मरण, अनुवाद, काव्य, अर्थव्यवस्था, तकनीक और कृत्रिम मेधा, भारत के 75 साल, भू-राजनीति, विजुअल आर्ट्स ,फोटोग्राफी, स्वास्थ्य इत्यादि। नोबेल पुरस्कार विजेता लेखक अब्दुलरजाक गुरनाह से ब्रिटिश पब्लिशिंग की एलेक्सेंड्रा प्रिंगल संवाद करेंगी। द एसेंशियल अब्दुलरजाक गुरनाह नामक सत्र में गुरनाह की बेमिसाल किताबों पर गहन चर्चा होगी। पश्चिम एशिया के अतीत की कहानी बयां करते एक सत्र में, पत्रकार और लेखक माइकल वतिकिओतिस धर्म और अपनी पहचान के द्वंद्व में फंसे अपने परिवार के इतिहास को साझा करेंगे।
पत्रकार और लेखिका, नंदिनी नायर के साथ संवाद में एवारिस्तो अपने लेखन और जीवन पर चर्चा करेंगीं। एक अन्य सत्र के संचालन में, नायर बुकर पुरस्कार विजेता लेखक शेहान करुणातिलक के साथ संवाद में सेवन मून्स आफ माली अल्मेडा पर चर्चा करेंगी। विज्ञप्ति के अनुसार एक सत्र के दौरान विद्वान और अनुवादक बिबेक देबरॉय से लेखिका नमिता गोखले पुराणों की जटिल व्याख्या पर बात करेंगी। एक सत्र में, पत्रकार मनोज जोशी भारत-चीन संबंधों पर  प्रकाश डालेंगे। पूर्व विदेश सचिव विजय गोखले और चीन, म्यांमार, इंडोनेशिया और नेपाल में भारत के पूर्व राजदूत रहे श्याम सरन के साथ संवाद में जोशी इस समस्या की गहनता से पड़ताल करेंगे।
आयोजकों के मुताबिक इस साल भाषा की विविधता का उत्सव मनाते हुए कई सत्र आयोजित किए जाएंगे। एक सत्र बुकर पुरस्कार विजेता, गीतांजलि श्री और उनकी अनुवादक डेजी रॉकवेल से चर्चा पर केंद्रित होगा। साहित्य के इस महाकुंभ का एक सत्र सुर कोकिला लता मंगेशकर के सुरीले सफर को समर्पित होगा। साहित्य महोत्सव में कुछ महान उपन्यासकार भी हिस्सा लेंगे, जिनमें मार्लोन जेम्स और रुथ ओजेकी खास तौर से शामिल हैं।  (यह खबर मीडिया में आए समाचार की पुनर्प्रस्तुति)     

About the author

ashrutpurva

error: Content is protected !!