अश्रुतपूर्वा II
नई दिल्ली। दिग्गज रंगमंच अभिनेत्री और अक्षरा थिएटर की सह-संस्थापक जलबाला वैद्य का पिछले दिनों निधन हो गया। वे 86 वर्ष की थीं। वे सांस संबंधी बीमारियों से ग्रस्त थीं। उनकी बेटी और रंगमंच की निर्देशक अनासुया वैद्य शेट्टी ने यह जानकारी दी। लंदन में लेखक सुरेश वैद्य और अंग्रेजी शास्त्रीय गायिका मैज फ्रेंकिस के घर जन्मीं जलबाला वैद्य ने एक पत्रकार के रूप में करियर शुरू किया था।
वैद्य ने दिल्ली में कई राष्ट्रीय अखबारों और पत्रिकाओं के लिए काम किया। परफॉर्मिंग आर्ट में उनके योगदान के लिए उन्हें संगीत नाट्य अकादमी के टैगोर पुरस्कार, दिल्ली नाट्य संघ पुरस्कार, आंध्र प्रदेश नाट्य अकादमी सम्मान दिया गया। अमेरिका के बाल्टीमोर शहर की मानद नागरिकता भी उन्हें मिली। इस साल फरवरी में उन्हें दिल्ली सरकार के वरिष्ठ नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया।
जलबाला वैद्य की शादी पत्रकार सीपी रामचंद्रन से हुई थी। मगर यह शादी कुछ ही समय तक चली। इसके बाद वैद्य की मुलाकात कवि-नाटककार गोपाल शरमन से हुई और उन्होंने उनसे शादी कर ली। वैद्य का नाट्य जीवन 1968 में फुल सर्कल के साथ शुरू हुआ। यह कविताओं और कहानियों का एक नाट्य संग्रह था। फुल सर्कल को खूब सराहा गया।
इसके बाद जलबाला वैद्य को रॉयल शेक्सपियर थिएटर के वर्ल्ड थिएटर सीजन के लिए रामायण पर आधारित नाटक लिखने और निर्देशित करने के लिए भी आमंत्रित किया गया। उन्होंने शरमन के साथ दिल्ली में अक्षरा नेशनल क्लासिकल थिएटर की स्थापना की। यह सुंदर कला परिसर है। शरमन का डिजाइन बनाया और बनाया यह थिएटर प्रस्तुति का लोकप्रिय कला केंद्र है।
जलबाला ने यहां फुल सर्किल, रामायण, लेट्स लाफ अगेन, काबुलीवाला, गीतांजलि आदि नाटकों में काम किया। जलबाला ने अक्षरा थिएटर की अधिकांश टेलीविजन फिल्मों का निर्माण और प्रदर्शन किया। इनमें इंडिया अलाइव, द कश्मीर स्टोरी, द सूफी वे चर्चित हैं। उन्होंने पांच पुस्तकें भी लिखीं यथा- बी, दिस इज फुल, दैट इज फुल, लाइफ इज बट ए ड्रीम और अक्षरा एक्टिंग मेथड शामिल हैं। (यह जानकारी मीडिया में आए समाचार पर आधारित है)
जलबाला वैद्य ने कवि-नाटककार गोपाल शरमन के साथ दिल्ली में अक्षरा नेशनल क्लासिकल थिएटर की स्थापना की। यह सुंदर कला परिसर है। शरमन का डिजाइन बनाया और बनाया यह थिएटर प्रस्तुति का लोकप्रिय कला केंद्र है।