अश्रुतपूर्वा II
नई दिल्ली। सिक्किम के युकसोम से कला और साहित्य की बड़ी खबर। विश्व शांति का आह्वान करने और राज्य की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए युकसोम गांव में प्रथम सिक्किम कला एवं साहित्य महोत्सव (एसएएलएफ) की शुरूआत हुई है।
राज्य सरकार और टीमवर्क आर्ट्स के सहयोग से ऐतिहासिक स्थल नोरबुगांग में आयोजित इस महोत्सव में जलवायु परिवर्तन, वन्यजीव संरक्षण, इतिहास, संस्कृति और जातीयता, कविता, वास्तुकला, लोककथाओं, मानसिक स्वास्थ्य और पूर्वोत्तर के साहित्य सहित व्यापक विषयों पर चर्चा हुई। आठ मई को इसका समापन हुआ।
पिछले दिनों उद्घाटन समारोह में सिक्किम के शिक्षा मंत्री कुंगा नीमा लेपचा ने कहा कि कला और साहित्य लोगों को एकजुट कर सकते हैं। इसी के साथ विश्व शांति के सपने को साकार करने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी जानते हैं कि कला और साहित्य मानव सभ्यता की शुरुआत से ही उसका अभिन्न अंग रहे हैं। अभिव्यक्ति के ये दो रूप हमारी संस्कृति की रीढ़ रहे हैं।
लेपचा ने कहा कि हम जानते हैं कि यह साहित्य और कला ही है जो हमें विशेष रूप से विश्व शांति के संदर्भ में एक दूसरे को जानने और एकजुट करने का अवसर देती है। उन्होंने कहा कि इस तरह के महोत्सव कई तरह के अनुभवों को साझा करने के अवसर पैदा करने और युद्ध और लोभ से ग्रस्त दुनिया में इंसानियत के लिए एक लंबा रास्ता तय करेंगे।
साहित्य के इस बड़े आयोजन में कृषि मंत्री एलएन शर्मा, लोकसभा सांसद इंद्र हैंग सुब्बा और विधायक आदित्य गोले तमांग भी शामिल हुए। सुब्बा ने कहा कि महोत्सव का उद्देश्य देश के बाकी हिस्सों के साथ सिक्किम की पारंपरिक कला और संस्कृति को जोड़ना है। प्रथम सिक्किम कला एवं साहित्य महोत्सव का समापन आठ मई को हो गया। (मीडिया में आए समाचार पर आधारित)
पिछले दिनों उद्घाटन समारोह में सिक्किम के शिक्षा मंत्री कुंगा नीमा लेपचा ने कहा कि कला और साहित्य लोगों को एकजुट कर सकते हैं। इसी के साथ विश्व शांति के सपने को साकार करने में मदद कर सकते हैं।