अश्रुत पूर्वा II
नई दिल्ली। पिछले दिनों कोलकाता महानगर की साहित्यिक और सामाजिक संस्था ‘वाराही’ की ओर से कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। राजधानी के आर्डिनेंस क्लब में आयोजित इस सम्मेलन में देश भर के कवियों और कवयित्रियों ने अपनी रचनाओं से इंद्रधनुषी छटा बिखेर दी। अरुण जैमिनी की अध्यक्षता में यह कार्यक्रम हुआ। मुख्य अतिथि थे सिलीगुड़ी के विधायक शंकर घोष और सामाजिक कार्यकर्ता नबनीता चक्रवर्ती। कार्यक्रम का संचालन सर्वेश अस्थाना और संस्था की अध्यक्ष नीता अनामिका ने किया।
कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत भाषण और गणेश वंदना तथा सोनारूपा विशाल की सरस्वती वंदना से हुई। इसके बाद सभी अतिथियों को सम्मानित किया गया। तत्पश्चात युवा कवि अक्षत डिमरी के काव्य पाठ से कविताओं की महफिल शुरू हुई। फिर देश भर के रचनाकारों ने अपनी रचनाओं से मन मोह लिया। इन रचनाकारों में नंदलाल रोशन (तुम ही बताओ किस को हंस कर रोना अच्छा लगता है), जय कुमार रुसवा (एक पुतला दूसरे को जला रहा है), अर्जुन कुमार सिसोदिया (धन्य चंद्रशेखर आजाद जैसी जिंदगानी), सोनारूपा विशाल (प्यार वफा से अपनेपन से रिश्तेदारी खत्म न हो), सर्वेश अस्थाना (माना ये फैमिली प्लानिंग का जमाना है), विष्णु सक्सेना (हम बदले तो कहा बेवफा, वो बदले तो मजबूरी है) और अरुण जैमिनी (भारत ने बहुत सारे सांप पाल रखे हैं) की कविताएं सराही।
इस अवसर पर संस्था के संरक्षक प्रशांत अरोड़ा, सचिव अरुण कुमार, सलाहकार समिति के सदस्य प्रताप जायसवाल, रावेल पुष्प और डॉ. केयूर मजूमदार भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के संयोजन का भार संभाला स्वागता बसु, रमाकांत सिन्हा, उषा जैन, आलोक चौधरी, वंदना पाठक और विकास ठाकुर ने।
इस कार्यक्रम में कोलकाता के विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों को हिंदी में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहन पुरस्कार के रूप में पुस्तकें प्रदान की। अंत में नीता अनामिका के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
वाराही के मंच पर युवा कवि अक्षत डिमरी के काव्य पाठ से कविताओं की महफिल शुरू हुई। फिर देश भर के रचनाकारों ने अपनी रचनाओं से मन मोह लिया।