अश्रुत पूर्वा II
नई दिल्ली। असम की प्रख्यात गायिका सुदक्षिणा सरमा नहीं रहीं। वे काफी समय से अस्वस्थ थीं। पिछले दिनों गुवाहाटी में उनका निधन हो गया। सुदक्षिणा भूपेन हजारिका की छोटी बहन थीं। उनके परिवार में एकमात्र बेटी है। इससे पहले उनके पति गायक दिलीप सरमा और दो बेटों का निधन पहले ही हो गया था।
चिकित्सकों के मुताबिक सुदक्षिणा न्यूमोमिया से पीड़ित थीं। काफी समय तक बिस्तर पर पड़े रहने के कारण घाव हो जाने पर उनको आईसीयू में भर्ती किया गया था। बाद में उनकी तबीयत ठीक होने लगी थी। मगर बीते दिनों उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। सुदक्षिणा का तीन जुलाई को सुबह निधन हो गया। उन्होंने अपनी देह चिकित्सा अनुसंधान के लिए दान दे दी थी। गायिका के निधन के बाद उनके पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए आवास पर ले जाया गया। मुख्यमंत्री हेमंत विस्वा सरमा ने कहा कि वे सांस्कृतिक जगत का सितारा थीं। उन्होंने संगीत की दुनिया को समृद्ध किया।
सुदक्षिणा सरमा ने बेहद छोटी उम्र से बड़े भाई भूपेन हजारिका के साथ गाना शुरू कर दिया था। उम्होंने मात्र नौ साल की अल्पायु में बिश्नु रावा के नेतृत्व में ग्रामोफोन रेकार्ड्स के लिए चार गीत गाए थे। असम में 1946 में महात्मा गांधी के अंतिम दौरे के समय सुदक्षिणा ने उनके सामने ‘ई जाय रघुर नंदन’ गाया था। तब बापू ने उन्हें आशीष देते हुए हमेशा गाते रहने के लिए कहा था।
सुदक्षिणा ने कई असमी फिल्मों में गीतों के लिए स्वर दिया था। इसके अलावा असम की संगीत विरासत की विभिन्न शैलियों में अपनी आवाज दी। बाद में उन्होंने कोलकाता के मशहूर गायक दिलीप सरमा से विवाह कर लिया था। उस समय यह दंपति रवींद्र संगीत में जान-माना नाम था। सुदक्षिणा ने अपना पूरा जीवन संगीत के लिए समर्पित कर दिया था। दिलीप और सुदक्षिणा को साल 2002 के संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार संयुक्त रूप से प्रदान किया गया था।