धरोहर

हिमालय की गोद में स्थित फूलों की मनोरम घाटी

अश्रुत पूर्वा II

उत्तराखंड के चमोली जिले में नेपाल-तिब्बत सीमा से घिरी है खूबसूरत फूलों की घाटी फ्लावर नेशनल पार्क। मानसून में यहां गजब का दृश्य होता है। हिमालय की ऊंची घाटियों में स्थित इस पार्क में लगभग 300 तरह के अल्पाइन फ्लावर पाए जाते हैं। बर्फ से ढके पहाड़ों पर आकर लगता है मानो यहां रंग बिरंगी कालीन बिछी हो। लगभग 55 मील में फैले इस पार्क को 1982 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्ज मिला। यह दिल्ली से 595 किलोमीटर दूर है।
फूलों की यह घाटी जून से लेकर सितंबर तक खुलती है। बाद में यह घाटी बर्फ से पूरी तरह ढक जाती है। अगर आप फूलों का खबसूरत नाजारा देखना चाहते हैं तो जुलाई लेकर अगस्त तक का समय बहुत अच्छा है। यहां पहली बारिश के बाद फूलों की सुंदरता देखते बनती है। जुलाई से पहले यहां एक भी फूल नहीं खिलता। अलबत्ता, इस समय पहाड़ों पर पिघलती बर्फ का आनंद लिया जा सकता है।
जुलाई से लेकर अगस्त तक यह घाटी फूलों से भर जाती है। मगर अगस्त खत्म होते होते फूल अपने आप पीले पड़ने लगते हैं। फिर धीरे-धीरे मुरझाने लगते हैं। मौसम की बात करें तो यहां की रातें और सुबह काफी ठंडी होती हैं।
हालांकि इस घाटी की चढ़ाई काफी मुश्किल है। मगर यहां आकर ऐसा लगता है कि मानो आप किसी जादू की नगरी में चले आए हैं। चारों तरफ का वातावरण सुकून और शांति प्रदान करता है। वैली आफ फ्लावर्स के रास्ते में अनगिनत फूल अपनी खूबसूरती से आपका मन मोह लेंगे। ऐसा प्रतीत होता है मानो घाटी आपका फूलों से स्वागत कर रही हो। फूलों के अलावा कुछ एसे जीव भी देखे जा सकते हैं जो विलुप्त होने के कगार पर हैं। जैसे स्नो लेपर्ड, ब्राउन बीयर, ब्लू शिप और  एशियाई  ब्लैक बीयर। फूलों की घाटी को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिलने के बाद यह विश्व विरासत स्थल हो गया है। वहां के निवासी मानते हैं कि फूलों की घाटी में परियों का निवास है।
यह जगह ट्रेकिंग के लिए भी बेहतरीन जगह है। 1931 में इस जगह की खोज ब्रिटिश पर्वतारोहियों ने की थी। उन्होंने ही इस घाटी को वैली आफ फ्लावर्स का नाम दिया था। इस घाटी के नजदीक शहर है जोशीमठ। यहां से थोड़ी दूर है गोविंद घाट जहां से ट्रैकिंग की शुरुआत होती है। बता दें कि इस उद्यान में फूलों के अलावा औषधीय पौधे भी हैं। इसलिए वनस्पति शास्त्र के शोधार्थी और विद्यार्थी यहां अध्ययन के लिए आते रहते हैं।  
वेशनल फ्लावर पार्क ऋशिकेश से 276 किलोमीटर दूर है। नजदीकी हवाई अड्डा देहरादून है। नजदीकी रेलवेस्टेशन ऋषिकेश में है। यहां जून से लेकर सितंबर तक कभी भी जाया जा सकता है।

अपनी खूबसूरती से आपका मन मोह लेंगे अनगिनत फूल

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