अश्रुत पूर्वा II
नई दिल्ली। शांति निकेतन को यूनेस्को की धरोहर सूची में शामिल किया गया है। कवि रवींद्र नाथ टैगोर ने पश्चिम बंगाल स्थित शांति निकेतन में विश्व भारती की स्थापना की थी। यूनेस्को ने पिछले दिनों सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट के जरिए इस आशय की जानकारी दी- यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शांतिनिकेतन शामिल। भारत को बधाई।
बता दें कि भारत इस सांस्कृतिक धरोहर को यूनेस्को की धरोहर सूची में शामिल करने के लिए काफी समय से प्रयासरत था। ख्यात संरक्षण वास्तुकार आभा नारायण लांबा ने इस घोषणा पर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि हमने 2009 में शंति निकेतन के लिए एक दस्तावेज तैयार किया था। तब शायद सही समय नहीं था। शांतिनिकेतन की सुंदरता पर हमारा हमेशा विश्वास था। अब इस की पुष्टि हो गई है।
आभा नारायण लांबा के मुताबिक शांतिनिकेतन को धरोहर सूची में शामिल करने का फैसला सऊदी अरब में धरोहर समिति के 45वें सत्र में लिया गया था। कुछ महीने पहले अंतरराष्ट्रीय परामर्श संस्था इकोमास ने इस ऐतिहासिक स्थल को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल करने की सिफारिश की थी। बता दें कि इकोमास अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन है।
शांतिनिकेतन कोलकाता से 160 किलोमीटर दूर है। यह मूल रूप से आश्रम था जिसे रवींद्र नाथ टैगोर के पिता देवेंद्रनाथ टैगोर ने बनवाया था। यह एक ऐसा आश्रम था जहां कोई भी आकर शिक्षा ग्रहण कर सकता था। यूनेस्को विश्व धरोहर केंद्र वेबसाइट के मुताबिक महर्षि के नाम से ख्यात देवेंद्रनाथ टैगोर भारतीय पुनर्जागरण के अगुआ में से एक थे।