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मातृभाषा में अधिक से अधिक संवाद करें: राष्ट्रपति मुर्मु

अश्रुत पूर्वा II

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने कहा कि हमें समाज से लेकर घर-परिवार में मातृभाषा में अधिक से अधिक संवाद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम कही भी रहें पर हम सबसे पहले भारतीय हैं। राष्ट्रपति मुर्मु नागपुर स्थित भारतीय विद्या भवन के सांस्कृतिक केंद्र के उद्घाटन समारोह में बोल रही थीं।
राष्ट्रपति ने रायायण का उदाहरण देते हुए कहा कि मातृभूमि, मातृभाषा, और मां सबसे ऊपर है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की कि नई पीढ़ी विदेश में आधुनिक शिक्षा हासिल कर अच्छा काम कर रही है। यह पीढ़ी अपनी जन्मस्थली से बहुत दूर रह कर भी अपनी भाषा और संस्कति से जुड़े हुए हैं। यह इससे भी बढ़ कर बड़ी बात है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीयता हमारी पहचान है। भारत की यही पहचान है। भगवान का अपने पिता की आज्ञा का पालन करना, भाई के प्रति प्रेम और एक राजा के रूप में कर्तव्य उनके आदर्श आचरण के उदाहरण हैं। राष्ट्रपति ने पिछले दिनों महाराष्ट्र की यात्रा के दौरान गोंडवाना विश्वविद्यालय के दसवें दीक्षांत समारोह को भी संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि शिक्षा किसी भी समाज के विकास में, विशेषकर आदिवासियों और पिछड़े वर्गों की स्थिति बदलने में अहम भूमिका निभाती है।  

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