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राजस्थान साहित्य अकादमी के पुरस्कारों का एलान

अश्रुत पूर्वा II

राजस्थान साहित्य अकादमी में पिछले तीन साल से लंबित सभी पुरस्कारों की घोषणा कर दी है। ऐसा पहली बार है कि पिछले तीन साल से ये पुरस्कार नहीं दिए गए थे। अब इन सभी पुरस्कारों को एक साथ देने का एलान किया गया है।
राजस्थान साहित्य अकादमी की ओर से विभिन्न वर्ग में तीन साल के कुल 24 पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। अकादमी अध्यक्ष डा. दुलाराम सहारण की अध्यक्षता में सोमवार को हुई अकादमी की बैठक में इन पुरस्कारों की घोषणा की गई। पिछले साल अगस्त में  कार्यभार संभालने वाले अकादमी के अध्यक्ष डा. दुलाराम सहारण के आग्रह पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कला, साहित्य व संस्कृति मंत्री डा. बीडी कल्ला ने स्वीकृति दी थी। इस मंजूरी के बाद लेखकों से आवेदन मांगे गए। प्रविष्ठियों का मूल्यांकन कर पुरस्कार घोषित किए गए।
अकादमी सचिव डा. बसंत सिंह सोलंकी के मुताबिक 2019-20 के पुरस्कारों में सर्वोच्च मीरा पुरस्कार गोविंद माथुर की काव्यकृति मुड़ कर देखता है जीवन को देने का निर्णय किया गया है। काव्य विधा में सुधींद्र पुरस्कार भानु भारवि की काव्यकृति रंग अब वो रंग नहीं, गद्य विधा का रांगेय राघव पुरस्कार संदीप मील की कथाकृति कोकिलाशास्त्र और आलोचना विधा का देवराज उपाध्याय पुरस्कार सदाशिव श्रोत्रिय की आलोचना कृति कविता का पार्श्व को प्रदान किया जाएगा।
अकादमी के सचिव के मुताबिक विविध विधा का कन्हैयालाल सहल पुरस्कार ओम नागर की डायरी निब के चीरे से और नाट्य विधा का देवीलाल सामर पुरस्कार नाटककार अशोक राही की कृति विष्णुगुप्त चाणक्य और रावण मिल गया को प्रदान किया जाएगा। वहीं, प्रथम कृति पर दिया जाने वाला सुमनेश जोशी पुरस्कार कहानीकार माधव राठौड़ को उनकी कृति मार्क्स में मनु ढूंढ़ती को तथा बाल साहित्य का शंकरदयाल सक्सेना पुरस्कार पंकज वीरवाल किशोर को प्रदान किया जाएगा।
इसी तरह  वर्ष 2020-21 के पुरस्कारों में मीरा पुरस्कार डॉ. आरडी सैनी की गद्यकृति प्रिय ओलिव को दिया जाएगा। काव्य विधा का सुधींद्र पुरस्कार गजलकार गुलाम मोहियूद्दीन माहिर को कृति आतशे-कल्बो-जिगर, गद्यविधा का रांगेय राघव पुरस्कार रीना मेनारिया को कृति बनास पार और आलोचना का देवराज उपाध्याय पुरस्कार माधव नागदा को उनकी कृति समकालीन हिंदी लघुकथा और आज का यथार्थ को देने का निर्णय किया गया है।
बाल साहित्य का शंभूदयाल सक्सेना पुरस्कार पूरन सरमा के बाल-उपन्यास सद्भाव का उजाला, प्रथम कृति सुमनेश जोशी पुरस्कार गजलकार ब्रिजेश माथुर को दिया जाएगा। देवालाल सामर पुरस्कार नाटककार राजकुमार बुनकर इंद्रेश को दिया जाएगा।
अकादमी सचिव के मुताबिक 2021-22 के पुरस्कारों के तहत सर्वोच्च मीरा पुरस्कार डा. पद्मजा शर्मा की कृति मोबाइल, पिक और हॉस्टल और अन्य कहानियां को दिया जाएगा। गद्य विधा का रांगेय राघव पुरस्कार कथाकार दिनेश पंचाल को कृति खेत के लिए और पद्य विधा का सुधींद्र पुरस्कार जितेंद्र कुमार सोनी को काव्यकृति रेगमाल के लिए मिलेगा। इसी तरह विविध विधाओं में दिए जाने वाला कन्हैयालाल सहल पुरस्कार विमला भंडारी को उनके यात्रा-संस्मरण अध्यात्म का वह दिन के लिए और आलोचना क्षेत्र का देवराज उपाध्याय पुरस्कार दिनेश कुमार माली को उनकी कृति त्रेतारू एक सम्यक मूल्यांकन के लिए प्रदान किया जाएगा।
एकांकी-नाटक के लिए देवीलाल सामर पुरस्कार प्रबोध कुमार गोविल को उनकी कृति बता मेरा मौतनामा के लिए और बाल साहित्य का शंभूदयाल सक्सेना पुरस्कार सत्यनारायण व्यास को कृति रोचक बाल कहानियां के लिए तथा प्रथम कृति सुमनेश जोशी पुरस्कार गजलकार अश्विनी त्रिपाठी को कृति हाशिये पर आदमी के लिए मिलेगा।
बता दें कि राजस्थान साहित्य अकादमी की ओर से इन पुरस्कारों के अंतर्गत प्रतीक चिह्न के साथ एक निर्धारित राशि भी साहित्यकार को दी जाती है। अकादमी के मौजूदा प्रावधानों के तहत मीरा पुरस्कार के लिए 75 हजार रुपए, सुधींद्र पुरस्कार, रांगेय राघव पुरस्कार, देवराज उपाध्याय पुरस्कार, कन्हैयालाल सहल पुरस्कार, देवीलाल सामर पुरस्कार, शंभूदयाल सक्सेना पुरस्कार प्रत्येक के लिए 31 हजार रुपए जबकि प्रथम कृति सुमनेश जोशी पुरस्कार के लिए 21 हजार रुपए की राशि दी जाती है।
अकादमी अध्यक्ष डा. दुलाराम सहारण ने बताया कि अगस्त में समारोह आयोजित कर साहित्यकारों सम्मानित किया जाएगा।

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