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समृद्ध भाषा है हिंदी : प्रो. कुमुद शर्मा

अश्रुत पूर्वा II

नई दिल्ली। साहित्य अकादेमी की उपाध्यक्ष प्रो. कुमुद शर्मा ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन की लड़ाई हिंदी में ही लड़ी गई। आजादी के आंदोलन के दौरान महापुरुषों ने जो नारे दिए वे सभी हिंदी में ही हैं। उन्होंने कहा कि हिंदी एक समृद्ध भाषा है। किसी दूसरी भाषा के मजबूत होने से इस पर कोई असर नहीं पड़ेगा। प्रो. शर्मा संस्कार भारती के कला संकुल के एक कार्यक्रम में बोल रही थीं।
कला संकुल के ‘अमर्त्य : साहित्य कला संवाद’ के पहले भाग के आयोजन की मुख्य अतिथि कुमुद शर्मा कि आजादी मिलने के बाद राजभाषा बनाने की बारी आई, तो विवाद शुरू हो गया। हिंदी राजभाषा जरूर बन गई मगर स्थिति बेहतर नहीं हुई। कार्यक्रम में जलज कुमार अनुपम के साथ संवाद में साहित्य अकादेमी की उपाध्यक्ष कहा कि अमृत महोत्सव के माध्यम से हिंदी को फलक देने की तैयारी की जा रही है।
प्रो. कुमुद शर्मा ने इस अवसर पर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का जिक्र करते हुए कहा कि यह नीति भारतीय भाषाओं को समझने और जानने में सहायक होगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह नीति भारतीय भाषाओं के प्रति अनुराग को बढ़ाएगी।  प्रो. शर्मा ने कहा कि किसी भाषा के मजबूत होने से हिंदी पर फर्क नहीं पड़ेगा। क्योंकि यह पहले से ही समृद्ध है। 

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