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स्त्री दमन की मुखर आवाज नरगिस को मिला नोबेल

अश्रुत पूर्वा II

नई दिल्ली। ईरान में महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ रहीं नरगिस मोहम्मदी को नोबेल शांति पुरस्कार देने का एलान किया गया है। मृत्युदंड के खिलाफ बरसों से संघर्ष कर रहीं नरगिस इस समय जेल में बंद हैं। उन्हें पुरस्कार दिए जाने की घोषणा नार्वे नोबेल समिति के अध्यक्ष बेरिट रीस एंडरसन ने की। इस पुरस्कार के अंतर्गत उन्हें एक गोल्ड मेडल के साथ आठ करोड़ 33 लाख की राशि मिलेगी।
बार-बार जेल भेजे जाने के बाद भी नरगिस महिला अधिकारों के लिए लगातार लड़ती रहीं। नोबेल समिति के अध्यक्ष के मुताबिक यह पुरस्कार नरगिस के कार्यो को मान्यता देने के लिए है। उनके मुताबिक वे 13 बार जेल गई। उन्हें पांच बार दोषी करार दिया गया। नरगिस को 31 साल जेल की सजा दी गई। यहीं नहीं उन्हें 54 कोड़े मारने की सजा भी मिली।
नरगिस इस समय 51 साल की हैं। उनका जन्म 21 अप्रैल 1972 में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद बतौर इंजीनियर काम किया। कई समाचारपत्रों में स्तंभ लिखती रहीं। वे नब्बे के दशक से महिलाओं के हक में आवाज उठा रही हैं। कुछ महीने पहले न्यूयार्क टाइम्स को दिए साक्षात्कार में इस महिला अधिकार कार्यकर्ता ने कहा था कि वे आठ साल से अपने बच्चों से नहीं मिली हैं। बता दें कि उनकी दोनों बेटियां इस समय उनके पति तागी रहमानी के साथ फ्रांस में रह रही हैं। रहमानी राजनीतिक कार्यकर्ता हैं। ईरान सरकार ने उन्हें भी 14 साल की सजा सुनाई थी।  
नरगिस मोहम्मदी 19वीं महिला हैं जिन्हें नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया है। यह प्रतिष्ठित सम्मान पाने वाली वे दूसरी ईरानी महिला हैं। उनसे पहले साल 2003 में शिरिन इबादी को यह पुरस्कार दिया गया था।  

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