अश्रुत पूर्वा संवाद II
नई दिल्ली। राजस्थानी साहित्य और संस्कृत अकादमी के 2020-21 का सर्वोच्च सूर्यमल्ल मीसण शिखर पुरस्कार डॉ. राजेश व्यास को देने की घोषणा की गई है। उन्हें यह पुरस्कार उनकी पुस्तक ‘दीठ रे पार’ के लिए दिया जा रहा है। बता दें कि राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृत अकादमी के अध्यक्ष शिवराज छंगाणी ने अकादमी कार्यसमिति की बैठक में इसकी घोषणा की।
डॉ. राजेश व्यास प्रसिद्ध रंगकर्मी, कला समीक्षक और कवि हैं। इससे पहले उन्हें साहित्य अकादेमी का सर्वोच्च सम्मान मिल चुका है। डॉ. व्यास ने साहित्य की कई विधाओं में लिखा है। उनकी 23 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इसके अलावा वे भारतीय लेखक प्रतिनिधिमंडल में शामिल होकर फ्रांस और नेपाल जा चुके हैं।
डॉ. राजेश व्यास कला संस्कृति में अपने मौलिक चिंतन के लिए विख्यात हैं। उनके शोध पर आधारित यात्रा धारावाहिक ‘डेजर्ट कॉलिंग’ दूरदर्शन ने बनाया था। इसे डीडी भारती और राष्ट्रीय चैनल पर प्रसारित किया गया था। राजस्थान सरकार में संयुक्त निदेशक डॉ. व्यास को इससे पहले कई संस्थाओं से सम्मान प्राप्त हो चुका है। इनमें भारत सरकार का राहुल सांस्कृत्यायन अवार्ड और पत्रकारिता में विशेष योगदान के लिए माणक अलंकरण पुरस्कार विशेष रूप से उल्लेखनीय है। (मीडिया की खबरों पर आधारित)