अश्रुत तत्क्षण

काव्य संग्रह कश्मीरियों के विस्थापन पर

अश्रुत पूर्वा संवाद II

नई दिल्ली। जम्मू की लेखिका अनीशा कौल के एक काव्य संग्रह ‘दे हैव अ नेम फार इट’ का पिछले दिनों लोकार्पण किया गया। यह संग्रह कश्मीरी हिंदुओं के विस्थापन पर केंद्रित है। लोकार्पण समारोह दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कालेज में हुआ। इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हर्ष मल्होत्रा थे। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी कृति है जो कश्मीरी हिंदू समुदाय के दुखद अनुभवों का अहसास कराती है।
काव्य संग्रह ‘दे हैव अ नेम फार इट’ कश्मीरी हिंदुओं के साथ बहुत ही दुखद और दिल दहला देने वाली घटना को स्वर देता है। अनीशा के इस संग्रह में कश्मीरियों के दर्द और उनकी इच्छा को भी अभिव्यक्त किया गया है। अनीशा कौल अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर हैं। लेखन के प्रति उनका रूझान कालेज के दिनों से है।
हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि इस संग्रह में उन भावनाओं का विवरण है जिसमें लोग अपने घर, भूमि के साथ अपने सपने खोने का सामना करते हैं। अनीषा कौल की कविताएं लोगों की भावनाओं और अपनी जमीन से बिछड़ जाने के दर्द को समझने में मदद करती है। इस समारोह में मुख्य वक्ता लेखक और पत्रकार आदित्य राज कौल थे।
लोकार्पण समारोह में विशिष्ट अतिथि डूटा कार्यकारिणी की सदस्य डॉ. अदिति पासवान थीं। उनके अलावा हंसराज कालेज की प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. रमा और डिप्टी प्रॉक्टर और डॉ. सौरभ भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. प्रभांशु ओझा थे। संचालन मानवी सिंह ने किया।

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