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हर साल होगी अनीता प्रभाकर स्मृति कहानी प्रतियोगिता

अश्रुत पूर्वा II

नई दिल्ली। विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान के न्यासियों ने अनीता प्रभाकर (धर्मपत्नी श्री नवीन कुमार गोयल) की स्मृति में उनके जन्मदिवस पर प्रति वर्ष एक कहानी प्रतियोगिता आयोजित करने का फैसला किया है। श्रीमती प्रभाकर का दिसंबर 2022 में निधन हो गया था। विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान ने यह जानकारी दी।
अनीता प्रभाकर विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान की न्यासी रहीं। वे प्रसिद्ध साहित्यकार विष्णु प्रभाकर की ज्येष्ठ पुत्री थीं। स्नातकोत्तर शिक्षा ग्रहण करने के बाद वे हिंदी की प्राध्यापिका रहीं। उन्होंने अनेक कहानियों, कविताओं आदि की रचना करते हुए हिन्दी साहित्य को समृद्ध किया। उनके दो कहानी संग्रह प्रकाशित हुए। अनेक संस्थाओं से उनकी कहानियां पुरस्कृत हुईं।
इस कहानी प्रतियोगिता के प्रमुख नियम इस प्रकार होंगे। इस प्रतियोगिता में सभी आयु वर्ग के कथाकार भाग ले सकेंगे। कहानी मूलत: हिंदी में लिखी होनी चाहिए न कि किसी अन्य भाषा से अनूदित की गई हो। कहानी बोलचाल की हिंदी में लिखी गई हो तथा यह ध्यान रखा गया हो कि उसमें अन्य भाषा के शब्दों का धारावाह प्रयोग न हो। कहानी का विषय मानव एवं राष्ट्रीय जीवन मूल्यों के अन्तर्गत हो। मूल्यहीनता की बात करने वाले एवं उसको बढ़ावा देने वाले विषय स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
प्रतियोगिता के नियम के मुताबिक कहानी न्यूनतम लगभग 2000 व अधिकतम लगभग 5000 शब्दों की हो। कहानी यूनिकोड मंगल फोंट में अथवा कृतिदेव 10 फोंट में वर्ड की फाइल में 14 फोंट साइज में लाइन स्पेस 1.5 में टाइप की गई हो। प्रतियोगिता के लिए भेजने से पहले कहानी की वर्तनी, व्याकरण चिह्न आदि को ठीक प्रकार से जांच लें। किसी भी प्रकार की अशुद्धि को कहानी के प्रस्तुतिकरण की कमजोरी ही माना जाएगा।
कहानी की फाइल में कहीं भी लेखक अपना नाम, पता, मोबाइल अथवा फोन नंबर तथा ई-मेल या कोई पहचान चिह्न नहीं लिखेंगे। ये सब सूचनाएं कहानी का शीर्षक बताते हुए ई-मेल के बोर्ड पर पेस्ट करनी होंगी। कहानी भेजने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2023 है। इसके बाद प्राप्त कहानियों को प्रतियोगिता में शामिल नहीं किया जाएगा। कहानी प्रतियोगिता का परिणाम मार्च 2024 के प्रथम सप्ताह में फेसबुक तथा वाट्सएप समूहों के माध्यम से घोषित किया जाएगा।
प्राप्त कहानियों को प्रतियोगिता में तीन चरणों से गुजारा जाएगा- (अ) एक, कोडिंग—ई-मेल से प्राप्त समस्त कहानियों को एक निश्चित कोड नंबर दिया जाना। (आ) दो, प्रथम पाठ-समस्त कहानियों का प्रथम पाठ संस्था के सक्षम सदस्यों द्वारा करके उपयुक्त कहानियों को ही निर्णायकों तक पहुंचाना।  (इ) तीन,  निर्णायक पाठ—निर्णायक के रूप में आमंत्रित कहानी विशेषज्ञों को कहानियां भेजना तथा उनके माध्यम से कथ्य की प्रकृति, उसका समसामयिक अथवा ऐतिहासिक महत्व, भाषा-शैली, संवाद योजना आदि की दृष्टि से प्रत्येक कहानी पर अंक प्राप्त करना। (ई) अंतिम अंक तालिका-प्राप्त अंकों के आधार पर प्रत्येक कहानी का स्तर निर्धारित किया जाएगा।
विजेता कथाकारों को सम्मान स्वरूप इस तरह राशि दी जाएगी- (अ) प्रथम पुरस्कार -11,100 रुपए (आ) द्वितीय पुरस्कार- 5,100 रुपए (इ) तृतीय पुरस्कार- 3,100 रुपए (ई) दस सांत्वना पुरस्कार-1,100 रपए प्रत्येक। पुरस्कार योग्य अधिक कहानियों का चुनाव होने की दशा में संबंधित वर्ग की पुरस्कार राशि को विजेता कहानीकारों के बीच बराबर-बराबर बांट दिया जाएगा। चयनित कहानियों के बारे में संस्था द्वारा नियोजित निर्णायकों का निर्णय अंतिम माना जाएगा जो कि सभी प्रतिभागियों को मानना होगा।
 पुरस्कृत कहानीकारों को दिल्ली में आयोजन कर सम्मानित करने की योजना है तथापि इस पर निर्णय समय के अनुकूल बाद में ही लिया जा सकेगा। यदि सम्मान समारोह किसी कारण-विशेष की वजह से आयोजित नहीं किया जा सका तो सम्मान पत्र एवं सम्मान राशि विजेताओं को सीधे भेज दी जाएगी।  यह जानकारी विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान के प्रमुख पदाधिकारी नवीन कुमार गोयल और अतुल कुमार ने यह जानकारी दी।
इस आयोजन से संबंधित सभी निर्णय लेने का अधिकार विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान न्यास को होगा, अन्य किसी को नहीं। प्रतियोगी अपनी कहानियां प्रतिष्ठान के ई-मेल- vishnuprabhakarpratishthan@gmail.com  अथवा कार्यालय के पते पर स्पीड पोस्ट द्वारा भेजें। प्रतिष्ठान का पता है-
विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान, ए-249, सेक्टर-46, नोएडा-201301

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