अश्रुत पूर्वा संवाद II
नई दिल्ली। देश की राजधानी में दिल्ली शास्त्रीय संगीत महोत्सव शुरू हो गया है। कोरोना काल में तो इसका आायोजन ही बंद हो गया था। हर साल यह आयोजन दिल्ली सरकार का संस्कृति एवं भाषा विभाग और साहित्य कला परिषद मिल कर करते हैं। श्रोताओं को विविध संगीत से सराबोर करने वाले इस महोत्सव में कई कलाकार भाग लेते हैं।
तीन दिवसीय यह महोत्सव रोज शाम छह बजे लोधी रोड, दिल्ली स्थित आंध्र एसोसिएशन के गोदावरी सभागार में आयोजित हो रहा है। श्रोता गोकुलपुरी इंस्टीट्यूशनल एरिया में साई बाबा मंदिर के पास आकर आयोजन स्थल तक पहुंच सकते हैं। चौबीस नवंबर से शुरू हुए कार्यक्रम में लोकेश आनंद ने शहनाई वादन प्रस्तुत किया। वहीं पंडित अरविंदो चटर्जी ने एकल तबला वादन से श्रोताओं को मुग्ध कर दिया।
शनिवार 25 जनवरी को डॉ. संतोष नाहर वायलिन पर अपनी प्रस्तुति देंगे। जबकि श्री जयतीर्थ ख्याल गायन प्रस्तुत करेंगे। वहीं आर कुमरेश और डॉ. जयंती कुमरेश वीणा और वायलिन की युगलबंदी करेंगे। रविवार को डॉ. विपुल कुमार रे संतूर वादन प्रस्तुत करेंगे। पं. मोर मुकुट केडिया और मनोज केडिया सितार-सरोद की युगलबंदी पेश करेंगे। कार्यक्रम के पहले दिन कला संस्कृति मंत्री सौरभ भारद्वाज मुख्य अतिथि थे।