अश्रुतपूर्वा संवाद II
नई दिल्ली। कवि-कथाकार राकेश धर द्विवेदी और भारत में शोध कर रहीं और श्रीलंका के युवाओं व बच्चों को हिंदी सिखा रही सुगंधि कुलसिंघे को शनिवार को काका साहब कालेलकर राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया गया। साहित्य के लिए द्विवेदी को यह सम्मान दिया गया। गुजरात की गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता सुजाता शाह को समाज सेवा के लिए यह सम्मान प्रदान किया गया। वहीं गुजरात की ही स्वतंत्र पत्रकार डॉ. ख्याति पुरोहित को पत्रकारिता के लिए यह सम्मान दिया गया। पर्यावरणविद् जितेंद्र नागर को जन शिक्षण के लिए यह राष्ट्रीय सम्मान मिला। जबकि कला के लिए डॉ. राहुल स्वर्णकार को यह राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया गया।
इन सभी को सेवानिवृत्त आईएएस अशोक पांडेय, विदेश मंत्रालय के पूर्व अधिकारी नारायण कुमार, कथाकार महेश दर्पण और भारत कोल इंडिया लिमिटेड की पूर्व महाप्रबंधक और साहित्यकार नीला प्रसाद ने इन सभी को पुरस्कार वितरित किए। सभी को शाील्ड, प्रमाणपत्र और शॉल देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम राजघाट स्थित गांधी हिंदुस्तानी सभा में आयोजित किया गया।
गांधी हिंदुस्तानी साहित्य सभा की अध्यक्ष कुसुम शाह, विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान के महामंत्री अतुल प्रभाकर और वरिष्ठ पत्रकार प्रसून लतांत की चयन समिति ने पुरस्कार के लिए रचनाकारों को चुना था। कार्यक्रम में कई साहित्य प्रेमी पहुंचे।
सम्मानित रचनाकारों में राकेश धर द्विवेदी केंद्र में उच्चाधिकारी हैं। उनकी कविताओं में आम आदमी की चिंता मुखरित हुई है, वहीं राष्ट्रीयता के प्रति भी गहरा सरोकार दिखता है। उनके लिखे गीतों को यूट्यूब पर लाखों लोगों ने सुना है। डॉ. ख्याति पुरोहित पत्रकारिता के साथ साहित्य में भी सक्रिय हैं। हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं पर उनकी गहरी पकड़ है। पर्यावरणविद् जितेंद्र नागर पर्यावरण वैज्ञानिक हैं। उन्होंने गंगा नदी परियोजनाओं के लिए कार्य किया है। वे कई कई अभियानों से भी जुड़े हैं। जबकि राहुल स्वर्णकार आकाशवाणी और दूरदर्शन के जाने-माने कलाकार हैं। वे तबला वादन में विख्यात हैं। तालों के सौंदर्य पर वे यूजीसी के लिए पाठ्यक्रम तैयार चुके हैं।