अश्रुत पूर्वा II
नई दिल्ली। सर्दियों में हल्की-फुल्की बारिश सामान्य बात है। यह हर साल होता ही है। आप जानते हैं कि इसका इसका असर तापमान से लेकर फसलों तक पर होता है। मगर ध्यान देने की बात है कि सर्दी में होने वाली बीमारियां हो या बारिश में होने वाला संक्रमण, यह शरीर के लिए चुनौतीपूर्ण होता है। अचानक तेजी से बदलते मौसम का असर लोगों के स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक सेहत पर भी पड़ता है। हाइपरटेंशन, रक्तचाप और मूड में उतार चढ़ाव के अलावा सांस से संबंधित समस्याएं होने लगती हैं। इसलिए सर्दियों पर सेहत की देखभाल जरूरी है।
सर्दियों के मौसम के दौरान, भारत के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में पश्चिमी विक्षोभ से बारिश होती है। भारत के उत्तर-पश्चिमी मैदानी भाग में भूमध्य सागर से उठने वाली पश्चिाी विक्षोभ बढ़ने के कारण सर्दियों में बारिश होती है। यों तो सर्दियों की बारिश रबी फसलों के लिए फायदेमंद है लेकिन अत्यधिक बारिश से फसलों को नुकसान, बाढ़, भूस्खलन और हिमस्खलन भी हो सकता है। फिलहाल यहां बारिश में स्वास्थ्य की ही चर्चा।
आप सर्दियों में ज्यादा खुश क्यों होते हैं?
जब ठंड होती है, तो आपके शरीर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे एंडोर्फिन का उत्पादन बढ़ जाता है। आपके शरीर में अधिक एंडोर्फिन आपको मानसिक रूप से प्रसन्न करते हैं और साथ ही तनाव से भी राहत दिलाते हैं। सर्दी आपको अधिक ऊर्जा प्राप्त करने और आपकी एकाग्रता बढ़ाने में मदद कर सकती है।
अध्ययनों से पता चला है कि ठंडी जलवायु में मृत्यु दर अधिक होती है। जिन लोगों के पास गर्मी और अच्छे आवास तक आसान पहुंच है, वे उतने प्रभावित नहीं होते हैं, लेकिन जो लोग संघर्ष कर रहे हैं, उनके लिए सर्दी का मौसम जानलेवा हो सकता है। इस मौसम का लुत्फ जरूर लें लेकिन सेहत का ख्याल रखना न भूलें।
सर्दी के मौसम में खानपान
दूध, घी, अंडे, जड़ वाली सब्जियां, नट्स और बीज जैसी चीजों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें। इससे शरीर को सुरक्षा मिलती है और इन्सुलेट फैट की परत बनाने में मदद मिलती है। सर्दी के मौसम में सुकून की नींद चाहते हैं तो सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में एक चुटकी जायफल मिलाकर इस्तेमाल करें। (आलेख पाठकों की जागरूकता के लिए। अस्वस्थ होने पर चिकित्सकसे मिलें) (स्रोत : हील मीडिया)