अश्रुत तत्क्षण संस्मरण

नहीं रहे लेखक अली जावेद

नई दिल्ली।  जाने-माने लेखक, कार्यकर्ता और दिल्ली विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग के पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर के पद से सेवानिवृत्त हुए डॉ अली जावेद का इंतकाल हो गया। जावेद के करीबी दोस्तों ने बताया कि उन्होंने दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल में मंगलवार देर रात अंतिम सांस ली। 68 वर्षीय जावेद को 12 अगस्त को ब्रेन हेमरेज के बाद एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
 जावेद वह प्रगतिशील लेखक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष थे। इसके अलावा वे अफ्रीकी एवं एशियाई लेखक संघ के अध्यक्ष पद पर भी सेवा दे चुके थे। वे शिक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद के निदेशक भी रहे थे। जावेद का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में 1954 में हुआ था। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से उर्दू में एमए, एमफिल और पीएचडी की थी।
उनके इंतकाल पर हिंदी व उर्दू के लेखकों तथा लेखक संगठनों ने गहरा शोक जताया और सांप्रादयिकता के खिलाफ लड़ाई में उनके योगदान को याद किया। उनकी तदफीन में (सुपुर्द ए-खाक करने के दौरान) ख्वाजा शाहिद, विभूति नारायण राय, राम सरण जोशी, अपूर्वानंद, पुरुषोत्तम अग्रवाल, अतहर फारूकी, जावेद नकवी, सरिता नकवी, मोली कौशल, प्रोफेसर इन्मे कंवल, शाहिद परवेज, फरहत रिजवी, शकील अहमद, जÞफर आगा, कमर आगा समेत अन्य बुद्धिजीवी मौजूद थे। (स्रोत एजंसी)

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