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कोलकाता में कविताओं से रचा गया इंद्रधनुष

कोलकाता में आयोजित साहित्यिक कार्यक्रम ‘इंद्रधनुष’ में मशहूर शायरा मुमताज नसीम का अभिनंदन

अश्रुत पूर्वा II

कोलकाता। सांस्कृतिक और सामाजिक संस्था ‘वाराही’ का पिछले दिनों इंद्रधनुष’ नाम से राष्ट्रीय कवि सम्मेलन और मुशायरे का आयोजन हुआ। इस मौके पर उपस्थित मशहूर शायरा मुमताज नसीम ने कवियों की रचनात्मकता और उनके अलग-अलग रंगों को सराहा। कार्यक्रम में देश के प्रसिद्ध कवि और शायर आमंत्रित थे।

पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक  मृत्युंजय कुमार सिंह भी इस अवसर पर पहुंचे। वे एक पुलिस अधिकारी होने के साथ उपन्यासकार, कवि, गीतकार और भी हैं। सिंह मुख्य अतिथि के रूप में इस सम्मेलन में आए। इस मौके पर उनका अभिनंदन किया गया।

बंगाली और भोजपुरी संगीत तथा फिल्म उद्योग दोनों में काम कर चुके कवि, गीतकार और गायक मृत्युंजय कुमार सिंह ने हिंदी फिल्मों के लिए गीत भी लिखे हैं। विदेशों में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

कोलकता के साहित्यकार और ‘उड़ान एक अनुभूति’ पत्रिका के प्रबंध-सह मुख्य संपादक, आध्यात्मिक कवि सुरेश चौधरी विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। शायरा मुमताज नसीम ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। प्रसिद्ध कवि डॉ. कुंअर बेचैन के शिष्य कवि डॉ. चेतन आनंद ने बड़ी खूबसूरती से इस कार्यक्रम के संचालन का दायित्व संभाला।

साहित्यकार और पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक मृत्युंजय कुमार सिंह का अभिनंदन करतीं ‘वाराही’ की संस्थापक नीता अनानिका
  • सामाजिक और सांस्कृतिक संस्था वाराही गत कई वर्षों से सामाजिक कार्यों में संलग्न है। देश के विभिन्न भागों से साहित्यकारों को जोड़ने के साथ-साथ वह विविध कलाओं जैसे नृत्य नाटक को एक सूत्र में बांधने का कार्य कर रही है।

कार्यक्रम के आरंभ में दीप प्रज्वलन के बाद कोकिल कंठी डॉ.ज्योति उपाध्याय ने देवी सरस्वती की वंदना की। इसके बाद मुख्य और विशिष्ट अतिथि तथा आमंत्रित कवियों का स्वागत किया गया। इसके बाद कवि सम्मेलन आरंभ हुआ।

प्रसिद्ध हास्य कवि सुनहरी लाल ‘तुरन्त’, कवयित्री डॉ. ज्योति राहुल उपाध्याय और शृंगार रस की कवयित्री बबीता राणा ने काव्य पाठ कर सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम की अध्यक्ष मुमताज नसीम ने अपनी गजलों से ऐसा समां बांधा कि सभी श्रोता मंत्र मुग्ध हो उठे। संस्था की संस्थापक और कार्यक्रम की संयोजक नीता अनामिका ने अपनी कविता सफर से भावों का जादू बिखेरा।

इस कार्यक्रम की संयोजक वाराही की संस्थापक नीता अनामिका ने कहा कि एक छोटी सी पहल भी बड़े सामाजिक परिवर्तन का प्रतिरूप बन कर उभर सकती है। कोरोना की वजह से गतिविधियों में बाधाएं आई थीं पर अब संस्था पुन: अपने सामाजिक और सांस्कृतिक कार्य में जुट गई है।

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