अश्रुत पूर्वा II
नई दिल्ली। शोध पत्रिका लांसेट का नया अध्ययन सामने आया है। इसके मुताबिक युवाओं को ज्यादा उम्र वालों की तुलना में शराब पीने के कारण अधिक स्वास्थ्य जोखिम का सामना करना पड़ता है।, आयु, लिंग, भौगोलिक क्षेत्र और वर्ष के आधार पर शराब से जुड़े जोखिम के बारे में यह पहला अध्ययन है। इसमें कहा गया है कि दुनिया भर में शराब की खपत की सिफारिशें उम्र और स्थान पर आधारित होनी चाहिए, जिसमें सबसे सख्त दिशानिर्देश 15-39 साल के आयु वर्ग के युवाओं के लिए हों।
लांसेट के अध्ययन में कहा गया है कि युवाओं में शराब के सेवन से स्वास्थ्य का जोखिम बढ़ जाता है। अध्ययन से यह भी पता चलता है कि अगर कोई गंभीर बीमारी न हो तो 40 साल और उससे अधिक उम्र के वयस्कों को कम मात्रा में शराब के सेवन से कुछ लाभ मिल सकते हैं। ऐसे में इस समूह को हृदय रोग, हृदयाघात और मधुमेह का जोखिम कम होता है। शोधकतार्ओं ने 204 देशों में शराब के सेवन के अनुमानों के आधार पर गणना की कि 2020 में 1.34 अरब लोगों ने ज्यादा मात्रा में इसका सेवन किया।
- लेखिका इमैनुएला गाकिडौ ने कहा, हमारा संदेश बिल्कुल साफ है कि युवाओं को शराब का सेवन नहीं करना चाहिए
शोधकतार्ओं के मुताबिक असुरक्षित मात्रा में शराब पीने वाली आबादी का सबसे बड़ा वर्ग 15-39 साल के आयु वर्ग के पुरुष थे और इस आयु वर्ग के लोगों को शराब पीने से कोई स्वास्थ्य लाभ नहीं होता बल्कि कई जोखिम होते हैं। इस आयु वर्ग के लोगों में लगभाग 60 फीसद चोटें शराब से जुड़ी घटनाओं के कारण होती हैं, जिनमें वाहन दुर्घटनाएं, आत्महत्या और हत्या शामिल हैं।
इस अध्ययन की लेखिका इमैनुएला गाकिडौ ने कहा, हमारा संदेश बिल्कुल साफ है कि युवाओं को शराब का सेवन नहीं करना चाहिए लेकिन उम्रदराज लोगों को कम मात्रा में इसके सेवन से कुछ फायदे हो सकते हैं। नवीनतम प्रमाणों को प्रसारित करना महत्वपूर्ण है ताकि हर कोई अपने स्वास्थ्य के बारे में अच्छा निर्णय ले सके। (इनपुट मीडिया से)