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2022 के बुकर पुरस्कार की सूची में शामिल हुईं लीला मोटली

अश्रुत पूर्वा डेस्क II

नई दिल्ली। कैलिफोर्निया के आकलैंड में जन्मीं लीला मोटली 2022 के बुकर पुरस्कार के दावेदारों में शामिल हो गई हैं। खास बात ये कि दावेदारों में अब तक की सबसे युवा लेखिका हैं। वे महज 20 साल की हैं। लीला के जिस उपन्यास ‘नाइटक्रॉलिंग’ को सर्वश्रेष्ठ उपन्यास की सूची में स्थान मिला है, उसने विश्व साहित्य में सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। अमेरिकी पुलिस व्यवस्था के भीतर अश्वेत लोगों और अछूत समझी जाने वाली यौन कर्मियों को इंसाफ की उम्मीद में किस प्रकार का उत्पीड़न झेलना पड़ता है, यह उपन्यास उन हालात को सामने रखता है।

इस बार बुकर पुरस्कारों की सूची में शामिल किए गए साहित्यकारों के नामों की घोषणा 26 जुलाई, 2022 को की गई और प्रतिस्पर्धी सूची छह सितंबर को सामने आएगी। इसके बाद 17 अक्तूबर को बुकर पुरस्कार विजेता के नाम की घोषणा लंदन के राउंड हाउस में की जाएगी।

मशहूर टीवी प्रस्तोता ओप्रा विन्फ्रे के ओफ्राज बुक क्लब में शुमार ‘नाइटक्रॉलिंग’ लीला मोटली का पहला उपन्यास है। यह उपन्यास पाठकों को आकलैंड में रहने वाली 17 साल की कियारा जॉनसन की दुनिया में ले जाता है, जहां अश्वेत युवाओं की खुशियां, उनकी उम्मीदें और उनका डर एक अलग संसार रचता है। जो आपराधिक न्याय प्रणाली अश्वेतों की रक्षा के लिए बनाई गई है उसी में कियारा किस प्रकार पुलिस की यौन हिंसा का शिकार होती है, किस प्रकार उसका परिवार इस व्यवस्था का शिकार हो जाता है, यही ‘नाइटक्रॉलिंग’ का कथानक है।

  • दावेदारों में सबसे युवा लेखिका लीला
  • लीला से पहले, ब्रिटिश उपन्यासकार जॉन मैक्ग्रेगोर ने 2002 में सबसे युवा लेखक के रूप में बुकर की सूची में जगह बनाई थी। उस समय उनके पहले उपन्यास ‘इफ नोबडी स्पीक्स आॅफ रिमार्केबल थिंग्स’ को इस सूची में शामिल किया गया था। वैसे अब तक बुकर पुरस्कार प्राप्त करने वाले सबसे युवा लेखक का खिताब न्यूजीलैंड के ऐलानोर कैटोन के नाम दर्ज है, जिन्होंने 2013 में अपने उपन्यास ‘द ल्यूमिनियरीज’ के लिए 50,000 पाउंड का यह पुरस्कार जीता था।

कथानक के मुताबिक अस्तित्व के लिए संघर्ष कियारा को बाल यौनकर्मी में तब्दील कर देता है। वह अपने पड़ोस के नौ साल के बेसहारा बच्चे को पालती है, जिसे उसकी मां छोड़ कर जा चुकी है। इस पूरे संघर्ष में कियारा मजबूती से खड़ी  है। वह क्रूर व्यवस्था के आगे झुकने से इंकार कर देती है। और यही इस उपन्यास की शक्ति है, जिसे लीला ने प्रस्तुत करना चाहा है।  

अपनी लेखकीय टिप्पणी में लीला ने लिखा है कि किस प्रकार आॅकलैंड में एक पुलिस अधिकारी की आत्महत्या के बाद मिले पत्र से पुलिस व्यवस्था के भीतर पनपते यौन शोषण का खुलासा हुआ और कैसे यह उनके इस उपन्यास का कथानक बना। यह लीला की संवेदनशील नजर थी, जिसने इस कांड के परदे के पीछे अश्वेत किशोरी के अनदेखे उत्पीड़न और दर्द को महसूस किया।

लेखिका लीला को महज सोलह साल की उम्र में आॅकलैंड की युवा कवयित्री चुना गयाा था और वे अपने 17वें जन्मदिन से पहले ‘नाइटक्रॉलिंग’ लिखना शुरू कर चुकी थीं। हाई स्कूल पास करने तक वह इस उपन्यास की पटकथा लगभग पूरी कर चुकी थीं। ‘नाइटक्रॉलिंग’ भले ही उनका पहला प्रकाशित उपन्यास है, लेकिन वह 14-15 साल की उम्र में दो उपन्यास पहले ही लिख चुकी हैं।

लीला मोटली, अपने पिता के साथ ही नोबेल पुरस्कार विजेता टॉनी मौरिसन, टोनी केड बाम्बरा, जैकलिन वुडसन और जेसमिन वार्ड से प्रभावित रही हैं।  इस समय वे अपने पहले काव्य संग्रह पर काम कर रही हैं। लीला एक साहित्यिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता जाने-माने नाट्य लेखक हैं। बचपन से लीला ने अपने पिता को लिखते देखा है और इसी से उन्हें अपने कलात्मक सपने को पूरा करने की प्रेरणा मिली।  (एजंसी इनपुट)

फोटो साभार गूगल

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