अश्रुतपूर्वा II
नई दिल्ली। लेखिका ममता कालिया ने कहा कि महिला विमर्श के दौरान महिलाओं की कमियों को उजागर करने के बजाय उनके सशक्तिकरण पर बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के दौर में महिलाओं ने अपनी शक्ति को पहचान लिया है। और अपने प्रयासों से अपने मुकाम पर वहां तक पहुंची हैं जहां कभी पुरुषों का वर्चस्व था। ममता कालिया दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रही थीं।
उन्होंने कहा कि कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए महिलाओं को आगे आना चाहिए। आजादी के पचहत्तर साल गुजर जाने के बाद भी राजनीति में महिलाओं की भागीदारी कम है। ममता कालिया सावित्री बाई सेवा फाउंडेशन, पुणे और राहुल तायल मित्र मंडली हिसार की ओर से आयोजित भारतीय महिला शक्ति सम्मान समारोह में बोल रही थीं। इसे गांधी शांति प्रतिष्ठान में आयोजित किया गया।
सम्मान समारोह में कवयित्री अनामिका का अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर अनामिका ने कहा कि स्त्री सृजशीलता को आगे बढाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में सबसे बड़ी चुनौती मानवीय गरिमा को उपर उठाने की है।
सम्मान समारोह में कवयित्री अनामिका का अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर अनामिका ने कहा कि स्त्री सृजशीलता को आगे बढाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में सबसे बड़ी चुनौती मानवीय गरिमा को ऊपर उठाने की है।
स्त्री शक्ति सम्मान समाहोह में सावित्री बाई सेवा फाउंडेशन की सचिव हेमलता ने राहुल तायल को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने महिलाओं के हित में कई कार्य किए। इस मौके पर कई प्रतिष्ठित लोगों ने अपने विचार रखे। इस दौरान ‘आज और आने वाले कल की महिलाएं’ विषय पर सुनीता ने व्याख्यान दिया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अतुल प्रभाकर ने की।