अश्रुतपूर्वा II
नई दिल्ली। इंटरनेट पर जल्द ही पाठकों को संस्कृत में लिखी पाठ्य सामग्री दिखाई देगी। संस्कृत में खोज को आसान बनाने के लिए भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) ने गूगल के साथ एक समझौता किया है। एक समझौता ज्ञापन पर पिछले दिनों हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते के मुताबिक संस्कृत में आमतौर पर उपयोग होने वाली एक लाख पंक्तियां, उनके अंग्रेजी और हिंदी अनुवाद के साथ उपलब्ध होंगी।
खबरों के मुताबिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे और गूगल के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में किए गए। सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि आईसीसीआर और गूगल संस्कृत अनुवाद के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए गठजोड़ कर रहे हैं। इससे गूगल को संस्कृत की सामग्री के विभिन्न भाषाओं में और दूसरी भाषाओं की सामग्री के संस्कृत में अनुवाद के लिए कृत्रिम बुद्धिमता या मशीन लर्निंग प्रौद्योगिकी को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद ने संस्कृत में खोज को आसान बनाने के लिए गूगल के साथ एक समझौता किया है। इस समझौते के मुताबिक संस्कृत में आमतौर पर उपयोग होने वाली एक लाख पंक्तियां, उनके अंग्रेजी तथा हिंदी अनुवाद के साथ उपलब्ध होंगी।
अध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि भारत में संस्कृत केवल एक भाषा ही नहीं है बल्कि यह भारत की आत्मा और बुद्धिमता को समझने का मार्ग है। संस्कृत भाषा और साहित्य में ज्ञान का असीम भंडार है।
उन्होंने कहा कि भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, गूगल के मध्यम से ज्ञान को दुनियाभर में फैलाना चाहती है। सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि परियोजना के प्रयोग के चरण में आईसीसीआर ने गूगल से एक लाख पंक्तियों का युग्म उनके हिंदी और अंग्रेजी अनुवाद के साथ साझा किया है। (यह प्रस्तुति मीडिया की खबरों पर आधारित)