अश्रूतपूर्वा II
नई दिल्ली। अलग-अलग क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले लोगों को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणाएं लगातार की जा रही हैं। चिकित्सा में नोबेल के बाद अब भौतिकी का नोबेल भी दिए जाने की घोषणा कर दी गई है। इस बार महत्वपूर्ण उपयोग वाले क्वांटम सूचना विज्ञान पर कार्य करने के लिए तीन वैज्ञानिकों को साझा रूप से इस साल का भौतिकी का नोबेल दिया जा रहा है।
क्वांटम सूचना विज्ञान के लिए फ्रांस के एलै एस्पै, अमेरिका के जॉन एफ क्लाउसर और आस्ट्रिया के एंतन साइलिंगर को एक साथ भौतिकी का नोबेल देने का एलान किया है। फोटोन कहे जाने वाले कणों को अधिक दूरी तक अलग-अलग किए जाने के बावजूद उन्हें जोड़ सकने वाले या पकड़ने के तरीकों की खोज के लिए इन तीनों वैज्ञानिकों को सम्मानित किया गया है।
क्वांटम सूचना विज्ञान का एक उदाहरण इनक्रिप्शन भी है। यह एक ऐसी पद्धति है, जिससे सूचना को गुप्त कोड में बदला जाता है जो सूचना के सही अर्थ को छिपा देता है।
सूचना के सुरक्षित स्थानांतरण, क्वांटम कंप्यूटिंग और सेंसिंग प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में इसके व्यापक उपयोग की संभावना है। इसकी जड़ें क्वांटम मेकैनिक्स तक जाती हैं। इसके अनुमानों ने एक दूसरी दुनिया के द्वार खोल दिए हैं और माप की हमारी व्याख्या की पूरी बुनियाद को भी इसने हिला कर रख दिया है।
क्वांटम सूचना विज्ञान एक जीवंत और तेजी से विकसित हो रहा क्षेत्र है। सूचना के सुरक्षित स्थानांतरण, क्वांटम कंप्यूटिंग और सेंसिंग प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में इसके व्यापक उपयोग की संभावना है। इसकी जड़ें क्वांटम मेकैनिक्स तक जाती हैं। इसके अनुमानों ने एक दूसरी दुनिया के द्वार खोल दिए हैं और माप की हमारी व्याख्या की पूरी बुनियाद भी इसने हिला कर रख दी है।
भौतिकी में नोबेल के एलान के बाद साइलिंगर ने कहा कि पुरस्कार मिलने की घोषणा सुन कर वे स्तब्ध हैं। वियना विश्वविद्यालय से संबद्ध साइलिंगर (77) ने कहा, लेकिन यह सकारात्मक अनुभव है। तीनों वैज्ञानिकों को 2010 में इजराइल में वुल्फ पुरस्कार मिला था, जिसे नोबेल पुरस्कार मिलने की संभावना बनाने वाला पुरस्कार माना जाता है।
नोबेल कमेटी ने कहा कि क्लाउसर (79) क्वांटम सिद्धांत को व्यावहारिक प्रयोग में लेकर आए और एस्पै (75) ने 1960 के दशक में पहली बार प्रतिपादित किए गए इस सिद्धांत की खामियों को दूर किया, जबकि साइलिंगर ने क्वांटम टेलिपोर्टेशन को प्रदर्शित किया जिसने दूरी तक सूचना के पारेषण में मदद की। (मीडिया में आई खबरों के आधार पर प्रस्तुति)