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फ्रांस की प्रसिद्ध लेखिका एनी अर्नो को मिला साहित्य का नोबेल पुरस्कार

अश्रुतपूर्वा II

नई दिल्ली। साहित्य का नोबेल इस बार किसे मिलेगा, इसका इंतजार छह अक्तूबर को खत्म हो गया। कुछ नामों की चर्चा के बीच साहित्य के लिए नोबल पुरस्कार समिति ने फ्रांस की लेखिका एनी अर्नो के नाम का एलान कर दिया। इसी के साथ स्वीडिश अकादमी में तमाम चर्चाओं का दौर समाप्त हो गया। एनी अर्नो 82 साल की हैं। उम्र के आखिरी पड़ाव पर सर्वोच्च पुरस्कार मिलने पर उन्होंने प्रसन्नता जाहिर की है।

एनी अर्नो ने शुरुआत में आत्मकथात्मक उपन्यास लिखना शुरू किया, मगर बाद उन्होंने कथा साहित्य को जल्दी छोड़ दिया। उनका झुकाव संस्मरण विधा की ओर हुआ। अर्नो की अब तक 20 से अधिक पुस्त्कें छपी हैं। इनमें ज्यादातर बहुत छोटी हैं। पुस्तकों में उनके जीवन की घटनाओं के अलावा उनके आसपास के लोगों के जीवन की घटनाएं हैं। ये पुस्तकें गर्भपात, बीमारी और उनके माता-पिता की मृत्यु की बेलाग तस्वीर पेश करती हैं।

साहित्य के लिए नोबेल समिति के अध्यक्ष एंडर्स ओल्सन ने कहा कि एनी का काम अक्सर खरा रहा है। वह साधारण भाषा में लिखा बेदाग है। स्टाकहोम में पुरस्कार की घोषणा के बाद ओल्सन बताया कि एनी ने कुछ सराहनीय और स्थायी हासिल किया है। वे अपनी शैली को सपाट लेखन के तौर पर वर्णित करती हैं। उनका लेखन बेहद निष्पक्ष नजरिए के साथ प्रस्तुत होता है। और यह भावनाओं के ज्वार से निष्प्रभावी रहता है।

अर्नो की अब तक 20 से अधिक पुस्त्कें छपी हैं। इनमें ज्यादातर बहुत छोटी हैं। पुस्तकों में उनके जीवन की घटनाओं के अलावा उनके आसपास के लोगों के जीवन की घटनाएं हैं। ये पुस्तकें गर्भपात, बीमारी और उनके माता-पिता की मृत्यु की बेलाग तस्वीर पेश करती हैं।

ला प्लेस (एक पुरुष की जगह) से सुर्खी पाने वाली लेखिका एनी अर्नो ने इसमें पिता के साथ अपने संबंधों के बारे में लिखा है-कोई गीतात्मक स्मरण नहीं, विडंबना का कोई उत्साहजनक प्रदर्शन नहीं। यह तटस्थ लेखन शैली मुझमें स्वाभाविक रूप से है।

आलोचकों के बीच बेहद सराही गई उनकी किताब ‘द इयर’ 2008 में छपी थी और इसमें उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के अंत से लेकर आज तक खुद का और फ्रांसीसी समाज का वर्णन किया है। अपनी पिछली किताबों से हट कर एनी ने ‘द इयर्स’ में तीसरे व्यक्ति के तौर पर अपने बारे में लिखा है और अपने चरित्र को ‘मैं’ की जगह ‘वह’ कह कर संबोधित किया है। इस किताब को कई पुरस्कार मिले हैं। लेखिका अर्नो को उनके प्रशंसकों ने बुधाई दी है। (यह समाचार मीडिया में आई खबरों पर आाधारित)

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