अश्रुतपूर्वा II
नई दिल्ली। साहित्य का नोबेल दिए जाने के बाद बुकर पुरस्कार का एलान हुआ, फिर 2022 के बर्न प्राइज की भी घोषणा कर दी गई। यह पुरस्कार मिला है ब्रिटिश-भारतीय लेखिका प्रीति तनेजा को। उन्हें 2019 के लंदन ब्रिज आतंकी हमले के बाद लिखी पुस्तक ‘आफ्टरमाथ’ के लिए गॉर्डन बर्न प्राइज से सम्मानित किया गया है। लेखिका प्रीति का कहना है कि ‘आफ्टरमाथ’ वह सबसे मुश्किल किताब है, जिसे लिखने की उन्होंने हिम्मत जुटाई।
इस किताब का चयन स्तंभकार जोनाथन ल्यू, लेखिका डेनिसा मीना (अध्यक्ष), स्टुअर्ट मैकोनी, कवि हीथर फिलिपसन और स्कॉटलैंड में रहने वालीं भारतीय मूल की लेखिका चित्रा रामस्वामी की समिति ने। इस तरह पुरस्कार के लिए प्रीति तनेजा का नाम तय हुआ।
लेखिका प्रीति का कहना है कि ‘आफ्टरमाथ’ वह सबसे मुश्किल किताब है, जिसे लिखने की उन्होंने हिम्मत जुटाई।
लेखिका ने कहा, कुछ लोगों के लिए यह विवादित किताब है जबकि दूसरों के लिए यह ब्रिटेन की शिक्षा व्यवस्था के स्थानिक जातिवाद के नुकसान को लेकर है। यह पुस्तक औपनिवेशिक इतिहास, स्कूल से लेकर जेल तक और आपराधिक न्याय प्रणाली में मौजूद पक्षपात के बारे में उचित तरीके से नहीं बताती है। बता दें कि प्रीति तनेजा न्यूकैसल विश्वविद्यालय में वर्ल्ड लिटरेचर एंड क्रिएटिव राइटिंग की प्रोफेसर हैं। उनका पहला उपन्यास ‘वी दैट आर यंग’ आधुनिक भारत की पृष्ठभूमि में लिखे ‘किंग लायर’ का अनुवाद है। इसे 2018 में डेसमंड एलिएट प्राइज मिला था। (मीडिया में आई खबर की पुर्नप्रस्तुति)
तस्वीर – साभार गूगल