अश्रुतपूर्वा II
नई दिल्ली। बारहवां विश्व हिंदी सम्मेलन अगले साल फिजी में होगा। एक कार्यक्रम में विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने यह जानकारी दी। यह सम्मेलन 2023 में पंद्रह से सत्रह फरवरी के बीच फिजी के नांडी में आयोजित किए जाने का निर्णय किया गया है। यह आयोजन विदेश मंत्रालय और फिजी सरकार के सहयोग से होने जा रहा है। कार्यक्रम में उपस्थित विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मौके पर आगामी विश्व हिंदी सम्मेलन के शुभंकर और वेबसाइट का लोकार्पण भी किया।
बारहवें विश्व हिंदी सम्मेलन के शुभंकर का चयन विश्वस्तरीय प्रतियोगिता के जरिए किया गया है। इसके लिए 1436 प्रविष्टियां मिली थीं। इनमें से 78 प्रविष्टियों पर अंतिम रूप से विचार करने के बाद मुंबई के निवासी मुन्ना कुशवाहा के बनाए शुभंकर को अंतिम रूप से चुना गया। उन्हें 75 हजार रुपए की नकद राशि पुरस्कार में दी जाएगी। विश्व हिंदी सम्मेलन की एक लंबी यात्रा है। पहला सम्मेलन जनवरी, 1975 में नागपुर में आयोजित किया गया था।
मुरलीधरन ने बताया कि विश्व हिंदी सम्मेलन के आयोजन के लिए तीन उप समितियां बनाई गई हैं। ये समितियां सम्मेलन के कार्यक्रम, स्मारिका और हिंदी सम्मान प्रदान किए जाने से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि फिजी में हिंदी की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भारत की ओर से एक भाषा प्रयोगशाला भेंट की जाएगी। इसके माध्यम से वहां के लोगों को हिंदी सीखने में आसानी से मदद मिलेगी।
विश्व हिंदी सम्मेलन के आयोजन के लिए तीन उप समितियां बनाई गई हैं। नवंबर में सभी विषयों पर चर्चा करने के बाद सम्मेलन के आयोजन की विस्तृत कार्ययोजना बनाई जाएगी। बारहवें विश्व हिंदी सम्मेलन के शुभंकर का चयन विश्वस्तरीय प्रतियोगिता के जरिए किया गया है। फिजी की आबादी करीब 8,96,000 है और उनमें से 30 फीसद से ज्यादा लोग भारतीय मूल के हैं।
विदेश राज्य मंत्री ने बताया कि नवंबर में सभी विषयों पर चर्चा करने के बाद सम्मेलन के आयोजन की विस्तृत कार्ययोजना बनाई जाएगी। अब तक आयोजित ग्यारह सम्मेलनों के अनुभवों और पिछले पांच साल के दौरान दुनिया में आए बदलाव के आधार पर कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाएगा। बता दें कि फिजी में तीन भाषाओं को सरकारी स्तर पर मान्यता दी गई है। इनमें से एक हिंदी भी है। फिजी की आबादी करीब 8,96,000 है और उनमें से 30 फीसद से ज्यादा लोग भारतीय मूल के हैं।
खबरों के मुताबिक इससे पहले, विदेश मंत्री जयशंकर ने अगले विश्व हिंदी सम्मेलन के आयोजन के लिए बनीं सलाहकार समिति और उप-समितियों की पहली बैठक में हिस्सा लिया। विदेश मंत्री ने इस मौके पर फिजी की स्थायी सचिव एंजीला जोखान को इस कार्यक्रम में शामिल होने और उनकी सरकार के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
जयशंकर ने ट्वीट किया, सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए प्रयास कर रही है। उम्मीद है कि भारत और विदेश में रहने वाले हिंदी प्रेमी, विद्वान तथा शिक्षण संस्थान इस सम्मेलन में उत्साह से हिस्सा लेंगे। उन्होंने एक और ट्वीट में कहा कि विश्व हिंदी सम्मेलन के अलावा विदेश मंत्रालय क्षेत्रीय स्तरों पर भी अंतराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलनों का आयोजन करता है। इस प्रकार के सम्मेलन तोक्यो, न्यूयॉर्क, वेलिंटन जैसे शहरों में कराए जाने की योजना है। (मीडिया में आई खबरों के आधार पर यह समाचार संकलित)