अश्रुतपूर्वा II
नई दिल्ली। लैटिन ग्रैमी-विजेता लोक गायक पाब्लो मिलानेस का स्पेन में निधन हो गया। वहां उनका रक्त कैंसर का इलाज चल रहा था। वे 79 वर्ष के थे। मिलानेस ने क्यूबा में फिदेल कास्त्रो की क्रांति के लिए सांस्कृतिक राजदूत के रूप में दुनिया भर का दौरा किया था। वे क्यूबा के विश्व प्रसिद्ध गायक और गीतकारों में से एक थे।
उन्होंने पचाल साल से भी अधिक समय तक अपने गीत लेखन और गायिकी के क्रम में योलान्ड, यो मी क्वेडो (आई एम स्टेइंग) और अमो एस्टा इस्ला (आई लव दिस आइलैंड) जैसे दर्जनों चर्चित एलबम और हिट रिकार्ड दिए।
पाब्लो मिलानेस का जन्म 24 फरवरी, 1943 को बायामो (तब ओरिएंट प्रांत) के पूर्वी शहर में हुआ था। कामकाजी वर्ग के माता पिता की पांच संतानों में वे सबसे छोटे थे। गीत-गायिकी से जुड़ी उनकी यात्रा स्थानीय टीवी और रेडियो प्रतियोगिता में गाने से हुई। इन प्रतियोगिताओं को वे अकसर जीत जाते थे।
माता पिता की पांच संतानों में वे सबसे छोटे थे। गीत-गायिकी से जुड़ी उनकी यात्रा स्थानीय टीवी और रेडियो प्रतियोगिता में गाने से हुई। इन प्रतियोगिताओं को वे अकसर जीत जाते थे।
उनका परिवार राजधानी चला गया था। इसके बाद उन्होंने पचास के दशक में हवाना म्यूजिकल कंजर्वेटरी में कुछ समय के लिए अध्ययन किया। मगर उन्होंने अमेरिका और अन्य देशों के रुझानों के साथ-साथ अपनी प्रारंभिक प्रेरणा के लिए औपचारिक प्रशिक्षण के बजाय पड़ोस के संगीतकारों को श्रेय दिया।
पाब्लो मिलानेस ने 1963 में अपना पहला गीत तू मी डेसेंगानो, (यू, माई डिसिल्यूजन) बनाया। इस गीत में प्यार में नाकामी के बाद आगे बढ़ने की बात कही गई थी। उन्होंने 1970 में मौलिक लैटिन अमेरिकी प्रेम गीत-योलान्डा लिखा। यह अब भी पुराने हवाना के पर्यटक कैफे से लेकर मेक्सिको सिटी कैंटीना तक हर जगह पसंद किया जाता है
क्यूबा के प्रधानमंत्री मैनुअल मारेरो क्रूज ने दुख जताते हुए कहा कि क्यूबा पाब्लो के निधन से शोक में डूबा है। उधर, मिलानेस के प्रतिनिधियों ने कहा कि उनका मंगलवार तड़के निधन हुआ। नवंबर के शुरू में, उन्होंने घोषणा की थी कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है और संगीत कार्यक्रम रद्द किए जा रहे हैं। ( मीडिया में आई खबर की पुनर्प्रस्तुति)