अश्रुतपूर्वा II
नई दिल्ली, 23 नवंबर। चिकित्सा पाठ्यक्रम की पुस्तकें हिंदी में लाने के बाद क्या अब देश में इंजीयिरिंग की पढ़ाई भी हिंदी में होगी। इस पर चर्चा हो ही रही थी कि इस बीच ऐसी खबरे मिल रही हैं कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने बीटेक और इंजीनियरिंग डिप्लोमा की पुस्तकों को 12 भारतीय भाषाओं में तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
यह भारतीय भाषाओं के उन्नयन के लिए ही नहीं बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़ी पहल है। बताया गया है कि तकनीकी शिक्षा परिषद की ओर से बीटेक के दूसरे वर्ष की 1,144 किताबों को अंग्रेजी और 12 भारतीय में तैयार करने के लिए निविदाएं मांगी गई हैं। ये पुस्तकें दो साल के अंदर तैयार करने के लिए कहा गया है।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारतीय भाषाओं में तकनीकी शिक्षा सहित उच्च शिक्षा दिए जाने पर जोर देती है। यही वजह है कि मूल पुस्तक लेखन के साथ-साथ नई पुस्तकों के अनुवाद को बढ़ावा देने की जरूररत महसूस हुर्ई है।
तकनीकी शिक्षा में भारतीय भाषाओं के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए परिषद ने तकनीकी पुस्तक लेखन योजना के माध्यम से अंग्रेजी और 12 भारतीय भाषाओं में एआइसीटीई माडल पाठ्यक्रम को कवर करने वाले स्नातक और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए तकनीकी पुस्तकें तैयार करने की शुरुआत की है। इनमें तमिल, तेलुगु, कन्नड़, बांग्ला, उड़िया, गुजराती, पंजाबी, असमिया, मलयालम, मराठी और उर्दू में दूसरे वर्ष में कुल 1,144 पुस्तकें। ये किताबें प्रकाशित होंगी। इसके अलावा ई-बुक के रूप में भी होंगी। (मीडिया में आए समचार पर आधारित)