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कलाकृतियां अब आम लोगों के जीवन में घोलेंगी रंग

अश्रुतपूर्वा II

नई दिल्ली। जब आप किसी कलाकृति को देखते हैं और उसे खरीदने का मन करता है तब पाते हैं कि यह तो बहुत महंगा है। आप आर्ट गैलरी में जाइए। वहां किसी भी कलाकृति का मूल्य जान कर आप उसे खरीदने से पीछे हट जाते हैं। मगर अब स्थिति बदलने वाली है।
 पिछले दिनों कोलकाता में अंतरराष्ट्रीय आधुनिक कला केंद्र (सीआईएमए) ने लोगों को सस्ती कलाकृतियां उपलब्ध कराने के लिए यहां एक कला मेला लगाया। इसमें बड़ी संख्या में कला के कद्रदान पहुंचे।
इस कला मेले में कलाकृतियों की कीमत 500 रुपए से लेकर 1.5 लाख रुपए तक रखी गई। इस साल का तीन दिवसीय कला मेला 27 नवंबर को समाप्त हुआ। यहां अनवर चित्रकार, यशपाल सिंह और जगजीत कुमार राय जैसे कलाकारों की कलाकृतियां ‘मेले’ में प्रदर्शित की गई। इसे देखने बड़ी संख्या में लोग आए और खरीदारी की।

कोलकाता में हर साल नवंबर के एक सप्ताहांत में होने वाले इस उत्सव में पानी के रंग के कैनवस से लेकर लकड़ी के काम, टेराकोटा की मूर्तियां और लोक कला सहित कई तरह की कलाकृतियां रखी जाती हैं। यह किफायती कला मेला आमजन के जीवन में कला को लाने के एक तरीके के रूप में शुरू हुआ है। 

सह-संरक्षक प्रतीति बसु ने इसके पीछे की अवधारणा का जिक्र करते हुए कहा कि यह गैलरी इस मान्यता को तोड़ना चाहती है कि कलाकृतियां केवल अभिजात्य वर्ग के लिए हैं। उन्होंने कहा, दरअसल लोगों के बीच ऐसी धारणा है कि कला केवल अभिजात वर्ग के लोगों के लिए है, लेकिन हम इस धारणा को बदलना चाहते हैं।
कोलकाता में हर साल नवंबर के एक सप्ताहांत में होने वाले इस उत्सव में पानी के रंग के कैनवस से लेकर लकड़ी के काम, टेराकोटा की मूर्तियां और लोक कला सहित कई तरह की कलाकृतियां रखी जाती हैं। प्रतीति बसु ने कहा कि यह किफायती कला मेला आमजन के जीवन में कला को लाने के एक तरीके के रूप में शुरू हुआ है।

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