अश्रुत तत्क्षण

उर्दू  इस देश की भाषा, कहीं और से नहीं आई : जावेद अख्तर

अश्रुतपूर्वा II

नई दिल्ली। गीतकार और शायर जावेद अख्तर ने कहा, उर्दू इस देश की भाषा है। इसलिए यह कहना गलत है कि यह कहीं और से आई है। उन्होंने कहा कि उर्दू आम लोगों की भाषा होने की वजह से बगैर किसी संरक्षण के बची हुई है। अगर आप किसी के साथ संवाद करना चाहते हैं, तो आपको दूसरे व्यक्ति को समझाने के लिए अन्य भाषाओं के शब्द लेने होंगे। मैं पूरी तरह से शुद्ध भाषा के विचार के खिलाफ हूं। हिंदी और उर्दू  दोनों भाषाओं को जोड़ दिया जाता है, तो उनकी शब्दावली काफी विशाल हो जाती है। जावेद और गंगा जमुनी तहजीब के महोत्सव जश्न-ए-रेख्ता में बोल रहे थे।
कोई तीन साल बाद पिछले दिनों जश्न-ए-रेख्ता की शुरुआत हुई। इसमें कई कवियों, लेखकों और कलाकारों ने हिस्सा लिया। इस उत्सव के सातवें संस्करण का उद्घाटन गीतकार जावेद अख्तर और रेख्ता फाउंडेशन के संस्थापक संजीव सराफ ने दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में किया। साहित्य उत्सव के उद्घाटन पर जावेद ने कहा कि महोत्सव में शामिल होने वाले लोग उर्दू साहित्य की सुंदरता और सांस्कृतिक एकता के प्रमाण हैं। उर्दू विशुद्ध रूप से हिंदुस्तानी भाषा है।

तीन साल बाद जश्न-ए-रेख्ता

इस उत्सव के सातवें संस्करण का उद्घाटन गीतकार जावेद अख्तर और रेख्ता फाउंडेशन के संस्थापक संजीव सराफ ने दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में किया।

तीन दिन के इस महोत्सव में 150 से अधिक कलाकारों ने हिस्सा लिया। इस दौरान गजल, सूफी संगीत, कव्वाली, दास्तानगोई, सामूहिक चर्चा, मुशायरा और कविता पाठ के दौर चले।
संजीव सराफ ने उर्दू की नामचीन शख्सियतों गुलजार देहलवी, शम्सुर रहमान फारुकी और गोपीचंद नारंग को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने कोविड-19 से अपनी जान गंवाई। उन्होंने कहा कि मुश्किल समय का सामना करने के बावजूद लोगों ने चुनौती स्वीकार की और एकजुटता दिखाई। सराफ ने कहा, कोविड-19 महामारी के कारण सामान्य जीवन में कई बाधाएं आईं, जिसके कारण महोत्सव दिसंबर 2019 के बाद नहीं हो सका।
सराफ ने कहा, हम सभी को भारतीय संस्कृति और एकता के इस उत्सव में शामिल होने और इसे अविस्मरणीय अनुभाव बनाने के लिए आमंत्रित करते हैं। महोत्सव का उद्देश्य उर्दू भाषा, संगीत, कला, संस्कृति और इसकी भारतीय जड़ों के माध्यम से विभिान्न वर्गों के लोगों को एकजुट करना है। कविता और साहित्यिक उत्सव के विभिन्न सत्र में नसीरुद्दीन शाह, शबाना आजमी, शैलेश लोढ़ा, दीया मिर्जा, नजीब जंग, मुजफ्फर अली, अनीसुर रहमान समेत अन्य नामचीन लोगों ने हिस्सा लिया। (मीडिया में आए समाचार की पुनर्प्रस्तुति)

About the author

ashrutpurva

error: Content is protected !!