अश्रुतपूर्वा II
नववर्ष 2023 ने दरवाजे पर दस्तक दे दी है। साल 2022 की झोली में हम सब के लिए कुछ न कुछ था। किसी को पुरस्कार मिला तो किसी को किताब छपने पर प्रशंसा मिली। देश भर में साहित्यिक आयोजनों की धूम रही। बड़ी संख्या में लोगों ने सहभागिता भी की। बुकर और नोबल पुरस्कार घोषित किए गए। साहित्य अकादेमी ने भी अपने पुरस्कारों का एलान किया।
अश्रुत पूर्वा का मानना है कि 2023 भारतीय राजनीति से लेकर साहित्य-संस्कृति और कला जगत के लिए रचनात्मकता का वर्ष रहेगा। यों भी मनुष्य स्वयं रचनात्मक होकर ही देश और दुनिया से लेकर धरती एवं पर्यावरण को समृद्ध कर सकता है। अंतत: लोक चेतना इसी तरह आएगी।
साहित्यिक रचनात्मकता की दिशा में अश्रुत पूर्वा ने भी अनेकानेक पहल की है। इस वेव पोर्टल के अलावा कई सामाजिक मंचों पर हमारी उपस्थिति है। देश-विदेश के कई पाठक हमसे रोज जुड़ रहे हैं। बतर्ज देशाटन हमने काव्याटन के रूप में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में एक काव्य यात्रा की। कवियों का साथ मिला। नवोदित रचनाकार हमसे जुड़े।
हमारी लगातार कोशिश है कि हम हिंदी में मौलिक लेखन कर रहे युवाओं को अपनी साहित्य यात्रा में साथ लेकर चलें। हम छोटे कदमों से ही सही, लेकिन धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं। हम न केवल भारतीय साहित्य अपितु साहित्यिक गतिविधियों तथा समाचारों के माध्यम से भी पाठकों तक पहुंच रहे हैं।
साहित्य के माध्यम से लोक चेतना ही हमारा उद्देश्य है। हमें संस्कार ओर लोक सरोकार को बनाए रखना है। हम उस दिशा में बढ़ेंगे। उम्मीद है आप भी हमारे साथ चलेंगे। नववर्ष आपके लिए मंगलमय हो।
डॉ. सांत्वना श्रीकांत,
प्रबंध संपादक,
अश्रुत पूर्वा डॉट कॉम