अश्रुतपूर्वा II
नई दिल्ली। राजधानी में विश्व पुस्तक मेला शुरू हो चुका है। दूसरे दिन रविवार को अच्छी-खासी संख्या में दर्शक पहुंचे। पहले ही दिन यहां साहित्यिक गतिविधियां शुरू हो गर्इं। लोकार्पण और गोष्ठियों का सिलसिला आरंभ हो गया। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास और भारत व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) मिल कर यह मेला आयोजित किया है। यह मेला प्रगति मैदान के नए बने हॉल नंबर दो, तीन, चार और पांच में लगाया गया है। हमेशा की तरह इस बार भी स्कूल बच्चों को निशुल्क आने दिया जा रहा है।
रविवार 26 फरवरी को बड़ी संख्या में लोग पुस्तक मेले में पहुंचे। युवा पाठकों में खासा उत्साह दिखा। कुछ पुस्तक प्रेमी किताबों के बीच सुकून का कोना ढूंढते नजर आए। कोरोना काल के बाद पुस्तक मेला एक बार फिर व्यवस्थित तरीके से लगा है। यह मेला नौ दिन तक यानी पांच मार्च तक चलेगा। कई स्टालों पर पाठ्यक्रम से संबंधित सामग्री के अलावा कहानी संग्रह और उपन्यासों तथा अन्य पुस्तकें भी मिल रही हैं।
हॉल नंबर पांच में अंग्रेजी भाषा के प्रकाशकों के स्टाल लगे हैं। यहां बड़ी संख्या में युवा पाठक आ रहे हैं। हॉल नंबर दो में हिंदी प्रकाशकों ने अपने स्टाल लगाए हैं। यहां भी धीरे-धीरे पाठक पहुंच रहे हैं। चर्चा-परिचर्चा का दौर सोमवार से शुरू हो जाएगा। हॉल नंबर दो में कई हिंदी प्रकाशकों ने अपने स्टाल लगाए हैं। काफी समय बाद पाठकों को हिंदी साहित्य से संबंधित पुस्तकें देखने और खरीदने को मिल रही हैं। जबकि हॉल नंबर तीन में बाल पुस्तकें मिल रही हैं। बच्चे अपने माता-पिता के साथ यहां आ रहे हैं।
इस बार भी प्रकाशकों को जहां पुस्तकों की बिक्री की उम्मीद है, वहीं लेखकों को अपनी पुस्तकों के चर्चा में आने की प्रतीक्षा है। कई लेखकों ने प्रकाशकों के स्टाल पर आकर अपनी पुस्तकें देखीं। इससे वे काफी खुश नजर आए। उधर, मेले में आ रहे लोगों ने कहा कि ऐसे आयोजन साल में बार-बार होते रहना चाहिए।
कोरोना काल के बाद पुस्तक मेला एक बार फिर व्यवस्थित तरीके से लगा है। यह मेला पांच मार्च तक चलेगा। कई स्टालों पर पाठ्यक्रम से संबंधित सामग्री के अलावा कहानी संग्रह और उपन्यासों के अलावा अन्य पुस्तकें भी मिल रही हैं।