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विनोद कुमार शुक्ल को 59वां वार्षिक पेन साहित्य पुरस्कार

अश्रुतपूर्वा II

नई दिल्ली। लेखक विनोद कुमार शुक्ल को अंतरराष्ट्रीय साहित्य में योगदान के लिए 2023 का पेन/नाबोकोव पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। ‘पेन अमेरिका’ ने इसका एलान किया है। बताया गया कि हिंदी के प्रतिष्ठित उपन्यासकार और कवि शुक्ल को दो मार्च को न्यूयार्क के टाउन हाल में 59वें वार्षिक पेन साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।  यह सम्मान पाने वाले शुक्ल हिंदी के संभवत: पहले हिंदी लेखक हैं।
पुरस्कार के चयन मंडल में शामिल अमित चौधरी, रोया हाकाकियन और माजर मेंगिस्टे ने एक बयान में मिनोद शुक्ल को पुरस्कार दिए जाने का एलान किया। पेन/नाबोकोव पुरस्कार हर साल एक ऐसे जीवित लेखक को प्रदान किया जाता है, जिसका कार्य चिरस्थायी मौलिकता और उत्कृष्ट शिल्प कौशल वाला हो।
 बता दें कि इससे पहले इस पुरस्कार से न्गुगी वा थियोंगो, ऐनी कार्सन, एम. नोरबे से फिलिप, सैंड्रा सिस्नेरोस, एडना ओ’ब्रायन और एडोनिस को सम्मानित किया जा चुका है।
अपनी खास भाषा शैली और भावनात्मक गहराई के लिए जाने जाने वाले विनोद शुक्ल को 1999 में ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनकी दूसरी महत्त्वपूर्ण कृतियों में ‘नौकर की कमीज’ (1979) और एक कविता संग्रह ‘सब कुछ होना बचा रहेगा’ (1992) शामिल हैं।
 जीवन के आठवें दशक में विनोद कुमार शुक्ल इस समय बाल साहित्य रचने में व्यस्त हैं। उनकी सृजन शक्ति देखने लायक है। (यह खबर मीडिया में आए समाचार पर आधारित)

पेन साहित्य पुरस्कार हर साल एक ऐसे जीवित लेखक को दिया जाता है, जिसका कार्य चिरस्थायी और उत्कृष्ट शिल्प कौशल वाला हो। इससे पहले न्गुगी वा थियोंगो, ऐनी कार्सन, एम. नोरबे से फिलिप, सैंड्रा सिस्नेरोस, एडना ओ’ब्रायन और एडोनिस को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

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