स्वास्थ्य

जंक फूड खाने से लोगों को नहीं आती गहरी नींद

अश्रुत पूर्वा II

नई दिल्ली। स्ट्रीट फूड और जंक फूड अब भारतीय समाज के लिए बड़ी चुनौती बन रहा है। अस्वास्थ्यकर आहार का सेवन करने से पिछले कुछ सालों में युवा और बच्चे खासे प्रभावित हुए हैं। भारतीय अभिभावकों में इसको लेकर चिंता और गहरी निराशा है। एक तरफ बच्चे मोटे हो रहे हैं तो दूसरी ओर कई तरह की बीमारियां उन्हें घेर रही हैं। पिछले दिनों आए एक अध्ययन ने उनकी चिंता और बढ़ा दी है। इस अध्ययन में कहा गया है कि जंक फूड खाने से गहरी नींद सचमुच कम आती है।
अध्ययन में यह बात भी सामने आई है कि गहरी नींद यानी नींद का तीसरा चरण स्मृति, मांसपेशियों की वृद्धि और प्रतिरक्षा जैसी आवश्यक चीजों को दुरुस्त करता है। दरअसल, यह अध्ययन स्वीडन के उप्साला विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने किया है। उन्होंने अपने विश्लेषण में पाया किया कि नींद को जंक फूड कैसे प्रभावित करता है। अध्ययन में शामिल स्वस्थ लोगों ने अनियमित क्रम में अस्वास्थ्यकर और स्वास्थ्यकर आहार का सेवन कराया गया।
स्वीडन की यह अध्ययन रिपोर्ट पत्रिका ओबेसिटी में प्रकाशित हुई। इसमें कहा गया कि जंक फूड खाने के बाद प्रतिभागियों की गहरी नींद की गुणवत्ता खराब हो गई, जबकि स्वास्थ्यवर्धक आहार लेने के बाद ऐसा नहीं हुआ। उप्साला विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर जोनाथन सेडर्नैस ने कहा, खराब आहार से सेहत तो खराब होती ही है, वहीं खराब नींद स्वास्थ्य के लिए जोखिम बढ़ाता है।
एसोसिएट प्रोफेसर जोनाथन के मुताबिक अध्ययन के दो सत्रों में पंद्रह स्वस्थ युवकों ने हिस्सा लिया। प्रतिभागियों को बेतरतीब ढंग से स्वास्थ्यवर्धक और अस्वास्थ्यकर भोजन दिया गया। दोनों आहारों में कैलोरी की मात्रा समान रखी गई थी। मगर इसके नतीजे अलग-अलग आए।

स्वीडन की यह अध्ययन रिपोर्ट पत्रिका ओबेसिटी में छपी है। इसमें कहा गया कि जंक फूड खाने के बाद प्रतिभागियों की गहरी नींद की गुणवत्ता खराब हो गई, जबकि स्वास्थ्यवर्धक आहार लेने के बाद ऐसा नहीं हुआ।

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