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26 विद्वानों को हिंदी सेवी सम्मान

नई दिल्ली (अश्रुत पूर्वा)। केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा ने हिंदी सेवी सम्मान योजना के अंतर्गत वर्ष 2018 के लिए पुरस्कृत हिंदी सेवी विद्वानों के नामों की घोषणा कर दी है।
हिंदी सेवी सम्मान (2018) की 12 पुरस्कार श्रेणियों में सम्मानित किए जाने वाले कुल 26 विद्वानों के नामों का अनुमोदन शिक्षा मंत्री और केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल के अध्यक्ष श्री धर्मेंद्र प्रधान ने किया। केंद्रीय हिंदी संस्थान मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेस में निदेशक प्रो. बीना शर्मा ने यह सूची जारी की। इस मौके पर केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल के उपाध्यक्ष श्री अनिल शर्मा जोशी भी उपस्थित थे।  
वर्ष 2018 के लिए हिंदी सेवी सम्मान से सम्मानित विद्वानों की सूची इस प्रकार है :

गंगा शरण सिंह पुरस्कार
श्रीमती के श्रीलता (केरल)
श्री बलवंत जानी (गुजरात)
श्री एलवीके श्रीधरन (तमिलनाडु)
श्री राजेंद्र प्रसाद मिश्र (उड़ीसा)

गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार
श्री अनंत विजय (बिहार)
श्री हेमंत शर्मा (वाराणसी)

आत्माराम पुरस्कार
श्री कृष्ण कुमार मिश्र (जौनपुर, उप्र)
श्री प्रेमव्रत शर्मा (गाजियाबाद, उप्र)

सुब्रह्मण्य भारती पुरस्कार
श्री बालस्वरूप राही (दिल्ली)
श्री माधव कौशिक (हरियाणा)

महापंडित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार
श्री नर्मदा प्रसाद उपाध्याय (मध्यप्रदेश)
श्री जयप्रकाश (चंडीगढ़)

डॉ. जॉर्ज ग्रियर्सन पुरस्कार
श्री हाइंस वरनर वैसलर (जर्मनी )
श्री शरणगुप्त वीर सिंह (श्रीलंका)

डॉ. मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कार
स्वामी संयुक्तानंद (फीजी)
श्रीमती मृदुल कीर्ति (अमेरिका)

सरदार वल्लभ भाई पटेल पुरस्कार
श्री जीत सिंह जीत (दिल्ली)
श्री रवींद्र सेठ (गाजियाबाद, उप्र)

दीनदयाल उपाध्याय पुरस्कार
श्री सच्चिदानंद जोशी (मध्य प्रदेश)
श्री चंद्र प्रकाश द्विवेदी (राजस्थान)

स्वामी विवेकानंद पुरस्कार
श्री मनोज कुमार श्रीवास्तव (मध्यप्रदेश)
सुश्री सरोज बाला (पंजाब)

पंडित मदन मोहन मालवीय पुरस्कार
श्री अतुल कोठारी (गुजरात)
श्री राजकुमार भाटिया (दिल्ली)

राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन पुरस्कार
श्री रमेश चंद्र नागपाल (गाजियाबाद, (उप्र)
श्री शैलेंद्र कुमार अवस्थी (लखनऊ, (उप्र)

आप को बता दें कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी के विकास, प्रचार-प्रसार और प्रोत्साहन में केंद्रीय हिंदी  संस्थान की अहम भूमिका रही है। हिंदी राष्ट्रीय एकता, सद्भाव और समन्वय की महत्त्वपूर्ण कड़ी है। यही तथ्य केंद्रीय हिंदी संस्थान की स्थापना और इसके हर कार्यक्रम के मूल में रहा है। संस्थान विदेशों में हिंदी भाषा और उसके माध्यम से आधुनिक भारत की चेतना तथा उसके लोकतांत्रिक मूल्यों को प्रसारित करने के लिए भी संकल्पित है। इसी दायित्व बोध के साथ संस्थान ने 1989 में हिंदी सेवी सम्मान योजना शुरू की थी। इस समय इस योजना के अंतर्गत 12 पुरस्कार श्रेणियों के अंतर्गत निर्धारित क्षेत्रों में हिंदी के विकास एवं प्रचार-प्रसार के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले 26 हिंदी सेवी विद्वानों को प्रति वर्ष सम्मानित किया जाता है।

पुरस्कृत विद्वानों को संस्थान की ओर से राष्ट्रपति द्वारा पाँच लाख रुपए, शॉल तथा प्रशस्तिपत्र प्रदान कर सम्मानित किया जाता है। 1989 से 2017 तक इस योजना के अंतर्गत कुल 451 विद्वानों को सम्मानित किया जा चुका है।

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