अश्रुत पूर्वा II
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वाराणसी के दीन दयाल हस्तकला संकुल में आयोजित अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन में शनिवार को कहा कि हिंदी सभी स्थानीय भाषाओं की सहेली है और इनके बीच कोई अंतरविरोध नहीं हैं। राजभाषा का विकास तभी हो सकता है जब स्थानीय भाषाओं का विकास हो और स्थानीय भाषा का विकास तभी हो सकता है जब राजभाषा देशभर में मजबूत हो। गृह मंत्री ने कहा कि आजादी के 100 साल जब पूरे हों, तो इस देश में राजभाषा और हमारी स्थानीय भाषा का दबदबा इतना हो कि किसी भी विदेशी भाषा का सहयोग लेने की आवश्यकता नहीं पड़े।
गृहमंत्री ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव हमारे लिए संकल्प का वर्ष है। इसी साल में 130 करोड़ भारतीयों को तय करना है कि जब आजादी के 100 साल होंगे तो भारत कैसा होगा। दुनिया में भारत का स्थान कहां होगा? (स्रोत एजंसी)
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