स्वास्थ्य

आप कितनी बार करते हैं ब्रश?

फोटो : साभार गूगल

अश्रुत पूर्वा II

नई दिल्ली। दुनिया भर के दंत चिकित्सक अकसर सलाह देते हैं कि हमें दिन में दो बार और हर बार कम से कम दो मिनट तक अपने दांत जरूर साफ करना चाहिए। कई लोगों का कहना है कि केवल एक मिनट तक मंजन करना या दांतों को ब्रश करना काफी है, जबकि कुछ साक्ष्यों के मुताबिक दो मिनट तक मंजन करना भी कोई ज्यादा नहीं है।

दांतों पर जमी गंदगी की सख्त परत हटाना अच्छा है और इसके लिए तीन से चार मिनट तक मंजन करना चाहिए। क्या इसका मतलब यह है कि हमें दांत साफ करने का अपना समय कर दोगुना कर देना चाहिए?

दंत चिकित्सकों ने सत्तर के दशक में दो मिनट तक मंजन करने की सलाह देनी शुरू कर दी थी। बाद में वे कहने लगे कि हमें नरम ब्रश का इस्तेमाल करना चाहिए। हालांकि आज ब्रश करने के समय, तकनीक और टूथब्रश के प्रकार को लेकर को जो आमराय बनी है, वह नब्बे के दशक से प्रकाशित अध्ययनों के आधार पर ही बनी है। इनमें बताया गया है कि दो मिनट ब्रश करने से दांतों से बेहतर तरीके से गंदगी हट जाती है। दो मिनट से अधिक समय तक ब्रश करने से गंदगी की परत हटती है, लेकिन अभी इस बात का पता लगाने के लिए ज्यादा अनुसंधान नहीं किया गया है कि क्या दो मिनट से अधिक समय तक मंजन करने से लंबे समय तक दांत और अधिक मजबूत बनाए रखने में मदद मिलती है।

युवा दंत चिकित्सक डॉ. सांत्वना श्रीकांत के मुताबिक खाना खाने के बाद हर बार ब्रश करना चाहिए। ब्रश करने का भी एक तरीका होता है जिसे कई लोग नहीं जानते। ज्यादातर लोग जिस तरह से ब्रश करते हैं वह ठीक नहीं है। ब्रश को गोल गोल घुमाते हुए दांत साफ करने चाहिए।

दरअसल, जब हम अपने दांतों को ब्रश करते हैं, तो हम दांतों की सतहों से कीटाणुओं (जिन्हें दांतों के प्लाक के रूप में जाना जाता है) को हटाने के मुख्य उद्देश्य से ऐसा करते हैं। यह प्लाक बैक्टीरिया, कवक और विषाणुओं का एक संचय है जो एक माइक्रोबियल बायोफिल्म के रूप में जाने जाने वाले समुदाय में एक साथ रहते हैं। ये बहुत चिपचिपे होते हैं। इन्हें केवल ब्रश कर के ही हटाया जा सकता है।

ठीक से और नियमित रूप से ब्रश न करने से दांतों पर प्लाक का स्तर बढ़ सकता है, जिससे हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया सक्रिय हो सकती है और मसूढ़ों में सूजन पैदा हो सकती है। यह सूजन आम तौर पर दर्दनाक नहीं होती है, लेकिन ब्रश करते समय मसढ़ों से अक्सर खून बहता है। कभी-कभी सांसों से बदबू आती है। बायोफिल्म भी दांतों की सड़न का कारण बन सकती हैं।

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  • दांतों को बहुत जोर से साफ नहीं करने चाहिए। कोमलता से दांत ब्रश करने को प्राथमिकता दी जाती है ताकि हम अपने मुंह के सख्त और कोमल ऊतकों को नुकसान न पहुंचा दें। ब्रश करने के अलावा फ्लॉस (दांत साफ करने के धागे) से भी दांत साफ करने की सलाह दी जाती है। टूथ पिक, वॉटर जेट, या जीभ साफ करने वाले क्लीनर जैसे अन्य उपकरणों के असर के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है।

इस आधार पर दंत चिकित्सक सलाह देते हैं कि हर बार चार मिनट तक ब्रश करके दांतों को बेहतर तरीके से साफ किया जा सकता है, लेकिन दांतों को दिन में दो से अधिक बार साफ करने से बचें और सख्त बाल वाले ब्रश का इस्तेमाल नहीं करें। इससे आपके दांतों और मसूढ़ों को नुकसान पहुंच सकता है।

ब्रश करने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं। सका उद्देश्य मसूढ़ों के निचले हिस्से तक सफाई करना है। यह दांत का वह हिस्सा है, जहां प्लाक सबसे पहले बनते हैं और इसी कारण सूजन होने की सबसे अधिक संभावना होती है।

 दांतों को बहुत जोर से साफ नहीं करने चाहिए। कोमलता से दांत ब्रश करने को प्राथमिकता दी जाती है ताकि हम अपने मुंह के सख्त और कोमल ऊतकों को नुकसान न पहुंचा दें। ब्रश करने के अलावा फ्लॉस (दांत साफ करने के धागे) से भी दांत साफ करने की सलाह दी जाती है। टूथ पिक, वॉटर जेट, या जीभ साफ करने वाले क्लीनर जैसे अन्य उपकरणों के असर के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है।

दांतों के डॉक्टरों की हम भले यह सलाह मानते हों कि हमें दिन में दो बार और हर बार दो मिनट तक ब्रश करना चाहिए, लेकिन यह भी महत्त्वपूर्ण है कि हम दांत साफ करने की उचित तकनीक पर ध्यान नहीं देते। इसीलिए समस्या पैदा होती है। (इनपुट एजंसी)

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