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नीलमणि फूकन और दामोदर माऊज़ो को ज्ञानपीठ पुरस्कार

फोटो : साभार गूगल

दामोदर माऊज़ो (बाएं) नीलमणि फूकन (दाएं)

अश्रुत पूर्वा II

नई दिल्ली। साल 2021 और 2022 के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है। असमिया साहित्यकार नीलमणि फूकन को वर्ष 2021 के लिए ज्ञानपीठ दिया जाएगा। जबकि कोंकणी साहित्यकार दामोदर माऊज़ो को 2022 के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार देने का एलान किया गया है। मंगलवार को भारतीय ज्ञानपीठ ने एक विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी।

ज्ञानपीठ पुरस्कार चयन समिति ने 2021 और 2022 के लिए क्रमश: 56वें और 57वें ज्ञानपीठ पुरस्कार की घोषणा की है। विज्ञप्ति में बताया गया है कि कथाकार प्रतिभा राय की अध्यक्षता में हुई चयन समिति की बैठक में यह निर्णय किया गया।

नीलमणि फूकन का असमिया साहित्य में विशिष्ट स्थान है। कविताओं पर उनके 13 संग्रह हैं। फूकन को पद्मश्री के अलावा साहित्य अकादमी पुरस्कार, असम वैली अवॉर्ड व साहित्य अकादमी फेलोशिप से भी सम्मानित किया जा चुका है।

इसी तरह दामोदर माऊज़ो कोंकणी साहित्य में जाना-माना नाम हैं। साल 1944 में जन्मे माऊज़ो ने करीब 50 साल की अपनी लेखन यात्रा में चार उपन्यास लिखे हैं। इसके अलावा उनके छह कहानी संग्रह हैं। उन्होंने बाल साहित्य के अलावा दो आत्मकथात्मक कृतियां भी रची हैं। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा उन्हें गोवा कला अकादमी साहित्य पुरस्कार और कोंकणी भाषा मंडल साहित्य पुरस्कार भी प्रदान किए जा चुके हैं।

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Ashrut Purva

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