अश्रुत पूर्वा II
नई दिल्ली। देश की राजधानी में कोरोना के कारण लगाई गई पाबंदियों में लगातार ढील दिए जाने के बाद थिएटर, सिनेमाघरों और तमाम आर्ट गैलरियों में रौनक पहले की तरह लौट रही है। चित्रकारों, कलाकारों और नाट्य मंडलियों में उत्साह है। कला प्रेमियों के लिए यह एक अच्छी खबर है।
दिल्ली में अगले महीने ‘लाइंस बाई लाइंस’ प्रदशर्नी लगाई जा रही है। इसमें एसएच रजा और एफएन सूजा सहित 30 प्रमुख दक्षिण एशियाई और प्रवासी कलाकारों की कृतियों को प्रदर्शित किया जाएगा। इस प्रदर्शनी में 20वीं सदी से लेकर अब तक की अमूर्त कला दिखाई जाएगी।
- दिल्ली में अगले महीने ‘लाइंस बाई लाइंस’ प्रदशर्नी लगाई जा रही है। इसमें एसएच रजा और एफएन सूजा सहित 30 प्रमुख दक्षिण एशियाई और प्रवासी कलाकारों की कृतियों को प्रदर्शित किया जाएगा। इस प्रदर्शनी में 20वीं सदी से लेकर अब तक की अमूर्त कला दिखाई जाएगी।
धूमिमल गैलरी में दो अप्रैल से शुरू होने वाली इस प्रदशर्नी का उद्देश्य यह पता लगाना है कि कैसे आधुनिक और समकालीन कलाओं ने मूर्तिकला, चित्रकारी और मल्टीमीडिया क्षेत्र में अमूर्त कला प्रथाओं का बखूबी प्रयोग किया है। प्रदर्शनी के आयोजकों के अनुसार ‘लाइंस बाई लाइंस’ में दक्षिण एशिया के सबसे नामचीन कलाकारों में शामिल जे स्वामीनाथन, वीएस गायतोंडे, नसरीन मोहम्मदी, जरीना हाशमी और मेहली गोभा सहित अन्य कई कलाकारों की कलाकृतियां प्रदर्शित होंगी। इसमें वास्तुकला, टेक्सटाइल डिजाइन, साउंड और डिजिटल मीडिया में काम करने वाले कलाकारों की कलाकृतियों तथा उनकी प्रतिभाओं को दिखाया जाएगा।
बता दें कि भारतीय कला विधाओं पर चर्चा के लिए धूमिमल गैलरी एक प्रमुख स्थल है। इसका एक लंबा इतिहास है। यह कला प्रेमियों का पसंदीदा स्थल है। बताया गया है कि गैलरी के संग्रह में शामिल बड़े कलाकारों और समकालीन कलाकारों के बीच ‘लाइंस बाई लाइंस’ प्रदशर्नी संवाद का एक मंच मुहैया कराएगी। प्रदशर्नी में शामिल दक्षिण एशियाई समकालीन कलाकारों में मेघना गाविरेड्डी, राणा बेगम, गोपी गजवानी, शोभा ब्रूटा, पारुल गुप्ता, श्रुति महाजन, नियति चड्ढा, पूर्वई राय, अल-कवी नानावती, रेवती शाहनी, नूर अली छगानी और वरुण देसाई जैसे नाम प्रमुख हैं। (स्रोत : एजंसी इनपुट)
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