अश्रुत पूर्वा II
नई दिल्ली। कोलकाता पुस्तक मेले में भीड़ उमड़ रही है। महामारी कोरोना की वजह से पिछले साल मेले का आयोजन नहीं हुआ था। इस साल 25 जनवरी को यह मेला लगना था। मगर इसे एक महीने बाद 28 फरवरी से इसे आयोजित किया गया। दरअसल, कोलकाता फिल्म समारोह टल जाने के बाद 45 वें अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले को लेकर भी आशंका थी। मगर कोरोना की लहर कमजोर होने के बाद जिंदगी पटरी पर लौटी और तमाम आयोजन भी शुरू हो गए। इस बार कोलकाता पुस्तक मेले में रोज एक लाख दर्शक पहुंच रहे हैं। जबकि छुट्टी के दिन इससे भी ज्यादा लोग जा रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेले का आयोजन पब्लिशर्स एंड बुक सेलर्स गिल्ड करता है। गिल्ड के अनुसार पुस्तक मेले में बीते पांच दिन में रोजाना औसतन एक लाख दर्शक आए। दो मार्च को यह संख्या करीब पौने दो लाख पहुंच गई। उन्होंने बताया कि 2020 में लगे कोलकाता पुस्तक मेले में 24 लाख लोग आए थे।
फोटो: साभार गूगल
पुस्तक मेले में प्रवेश शुल्क हटा दिए जाने से भी लोगों में उत्साह है। कोलकाता नगर निगम की ओर से रोज पानी के मुफ्त पाउच की आपूर्ति की जा रही है। कोरोना से बचाव के लिए इस साल मेले में स्टाल दूर-दूर बनाए गए हैं। इससे खाली जगह ज्यादा दिख रही है। हालांकि यहां 600 बड़े स्टाल लगाए गए हैं। इसके अलावा 200 लघु पुस्तिकाओं के स्टाल में बांग्लादेश और रूस समेत कई देशों के स्टाल आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
अंतरराष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेले का आयोजन पब्लिशर्स एंड बुक सेलर्स गिल्ड करता है। गिल्ड के अनुसार पुस्तक मेले में बीते पांच दिन में रोजाना औसतन एक लाख दर्शक आए। दो मार्च को यह संख्या करीब पौने दो लाख पहुंच गई। उन्होंने बताया कि 2020 में लगे कोलकाता पुस्तक मेले में 24 लाख लोग आए थे। इस बार पुस्तक मेला 13 मार्च तक चलेगा।
कोलकाता पुस्तक मेला पहले केंद्रीय कोलकाता के मैदान में आयोजित होता था, लेकिन अदालत के आदेश के बाद मेला कभी मिलन मेला मैदान तो कभी सेंट्रल पार्क में आयोजित किया जाने लगा। इससे मेले की साख पर असर पड़ा। अब मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद हर साल साल्ट लेक के सेंट्रल पार्क में पुस्तक मेले का आयोजन करने का फैसला किया गया है। मैदान का नया नामकरण मेला प्रांगण किया गया। प्रकाशकों का मानना है कि एक जगह मेला लगने के कारण यहां आने वाले लोगों की संख्या तो बढ़ेगी ही पुस्तकों की बिक्री भी बढ़ेगी।
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