अश्रुत पूर्वा II
नई दिल्ली। दुनिया को आंखों में बसा कर खुद दुनिया से रुखसत हो गईं माया गोविंद। हिंदी सिनेमा की चर्चित गीतकार और कवयित्री माया का मुंबई में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 82 साल की थीं। खबरों के मुताबिक उनके बेटे अजय ने यह जानकारी दी। वे काफी समय से अस्वस्थ थीं। माया गोविंद ने जुहू स्थित अपने घर पर अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से बालीवुड में शोक की लहर छा गई।
अपनी लेखन यात्रा में माया गोविंद ने साढ़े तीन सौ से ज्यादा फिल्मों के लिए गीत लिखे। उन्होंने न केवल सिनेमा के लिए बल्कि टीवी के लिए भी काम किया। उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखीं। बेहद ही चर्चित टीवी धारावाहिक महाभारत के लिए भी माया ने काम किया। इसके लिए गीत, दोहे और छंद लिखे। ‘मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी’ और ‘आंखों में बस हो तुम’ जैसे लोकप्रिय गीत लिखने वाली माया गोविंद ने 1970 के दशक में फिल्मों से जुड़ीं। उन्होंने विनोद खन्ना अभिनीत ‘आरोप’, हेमा मालिनी की ‘रजिया सुल्तान’ और शाहरुख खान की ‘चाहत’ जैसी कई शानदार फिल्मों के लिए गीत लिखे।
- ‘मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी’ और ‘आंखों में बस हो तुम’ जैसे लोकप्रिय गीत लिखने वाली माया गोविंद ने 1970 के दशक में फिल्मों से जुड़ीं। उन्होंने विनोद खन्ना अभिनीत ‘आरोप’, हेमा मालिनी की ‘रजिया सुल्तान’ और शाहरुख खान की ‘चाहत’ जैसी कई शानदार फिल्मों के लिए गीत लिखे।
माया गोविंद के मस्तिष्क में खून का थक्का जमने के कारण पिछले चार महीने से उनकी हालत गंभीर थी। इससे उन्हें कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो रही थीं। वे पिछले पांच महीनों में दो बार अस्पताल में भर्ती हुईं, जहां उन्हें गहन चिकित्सा कक्ष में निगरानी में रखा गया था। अस्पतालों में ठीक से उपचार न होने पर घर पर ही उनका इलाज चल रहा था। उन्होंने जुहू में अपने आवास पर नींद में अंतिम सांस ली।
माया गोविंद के बेटे अजय ने कहा, मां की तबीयत ठीक नहीं थी। उन्हें दो बार अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दिसंबर में लगभग चार दिनों के लिए और फिर बाद में जनवरी में। उन्होंने सात मई गुरुवार की सुबह करीब साढ़े नौ बजे अंतिम सांस ली। उन्होंने आखिरी बार 2014 में फिल्म बाजार ए हुस्न के लिए गीत लिखे। फिल्म झूठी का गीत ‘चंदा देखे चंदा’ के अलावा गीत सावन को आने दो और तेरी मेरी प्रेम कहानी को सुनना आज भी सुखद लगता है।
Leave a Comment