स्वास्थ्य

मखाना पोषक तत्वों का पावर हाउस

फोटो गूगल से साभार

रचना दीक्षित ll
पोषण सलाहकार एवं शिक्षाविद

आज बात करते हैं एक ऐसे फल की जिसके बिना हिन्दुओं की कोई भी पूजा अनुष्ठान, यज्ञ, हवन, विवाह या अन्य किसी भी प्रकार का कोई भी संस्कार सम्भव ही नहीं है।जी हां मैं बात कर रही हूं ‘मखाने’ की। कहते हैं जिस प्रकार देवी लक्ष्मी का जन्म जल से हुआ है उसी प्रकार मखाने का जन्म भी जल में होता है शायद इसीलिए माता लक्ष्मी का प्रिय भोजन हैअतः धार्मिक महत्व के चलते माता लक्ष्मी का पूजन मखाने के बिना अधूरा माना जाता है।
मखाना कई स्वास्थ्यवर्धक गुणों वाला एक खास प्रकार का ड्राई फ्रूट है, जिसका इस्तेमाल व्यंजनों में डालकर खाने और स्नैक्स के रूप में किया जाता है। यह शरीर को कई बीमारियों से दूर रखने में मदद करता है इसलिए, प्राचीन समय से ही इसका इस्तेमाल कई आयुर्वेदिक दवाएं बनाने के लिए किया जा रहा है। आजकल कई हर्बल प्रोडक्ट हैं, जिन्हें बनाने के लिए मखाने का इस्तेमाल किया जाता है। मखाने को अंग्रेजी में लोटस सीड (Lotus seed), फॉक्स नट (Fox nut) व अन्य कई नामों से जाना जाता है। आजकल मार्केट में मखाने व इससे बने प्रोडक्ट आसानी से मिल जाते हैं।

मखाना एक जलीय उत्पाद है इसकी खेती उथले पानी वाले तालाबों में की जाती है। इसके बीज सफेद और छोटे होते हैं। दिसंबर से जनवरी के बीच इसके बीजों की बोवाई तालाब में होती है और अप्रैल के महीने में पौधों में फूल लगने लगते हैं

चूंकि ये पानी में होता है तो इसमें किसी भी प्रकार की खाद या कीटनाशक आदि का प्रयोग नहीं होता है इसलिय इसे ऑर्गेनिक भोजन भी कहा जाता है और दूसरे फल सब्जियों की तुलना में काफी शुध्द माना जाता है और ये पोषक तत्वों से भरपूर होता है इसलिए ये शारीरिक शक्ति को बढ़ाता है इसकी तासीर ठंडी होती है फिर भी इसे सर्दियों और गर्मियों दोनों में खाया जाता है।

मखानेमें मिलने वाले प्रमुख पोषक तत्व
मखाने में कई अलग-अलग प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो हानिकारक फ्री रेडिकल्स को बेअसर करते हैं और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ने से रोकते हैं।मखानेमें मिलने वाले प्रमुख पोषक तत्वनिम्न हैं –
9.7% आसानी से पचने वाला प्रोटीन,
76% कार्बोहाइड्रेट,
12.8% नमी,
0.1% वसा,
0.5% खनिज लवण,
0.9% फॉस्फोरस एवं
प्रति 100 ग्राम 1.4 मिली ग्राम लौह पदार्थ मौजूद होता है इसमें कोलेस्ट्रॉल फैट और सोडियम की मात्रा काफी कम होती है और मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है जो इसे अधिक फायदेमंद बनाता है।

ये बहुत आसानी से शरीर में घुल जाता है। इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होने के कारण इसको खाने से भूख कम लगती है। ये उच्च रक्तचाप, हृदय रोग व मोटापे से पीड़ित लोगों के लिए राम बाण है। इसमें एक प्राकृतिक घटक कैम्पफेरोल पाया जाता है जो बढ़ती उम्र और सूजन को कम करता है। मखाने आप कभी भी खा सकते हैं पर सुबह खाली पेट खाने से ज्यादा फायदा करता है। मखाने के चार दानों का सेवन सुबह खाली पेट करना चाहिए।

मखाने के फायदे
मखाना पौष्टिक गुणों से भरपूर होता है, जो स्वास्थ्य को कई प्रमुख लाभ पहुंचाता है। इससे मिलने वाले लाभों में प्रमुख रूप से निम्न शामिल हैं-

1 डाइबटीज में उपयोगी इससे खून मेंइन्सुलिन और शुगर की मात्रा नियंत्रित रहती है।

2 वजन घटाने में उपयोगी इसमें फाइबर, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है और कैलोरी कम इसके सेवन से लंबे समय तक भूख नहीं लगती। जो वजन कम करने में सहायक होता है।

3 तनाव दूर भगाने के लिए रात में सोने से पहले दूध के साथ मखाने का सेवन कुछ दिन तक लगातार करें इससे तनाव कम होगा व नींद न आने की समस्या पर भी लगाम लगेगी।

4 बढ़ती उम्र में उपयोगी मखाने में एन्टी एजिंग और एन्टी ऑक्सीडेंट दोनों ही तत्व पाए जाते हैं। इसका प्रतिदिन उपयोग करने से चेहरे पर झुर्रियां नहीं आती चमक बनी रहती है।प्रोटीन की मात्रा अधिक होने के कारण मांस पेशियों को मजबूत रखता है।

5 किडनी की बीमारी में उपयोगी-ये स्प्लीन को डिटॉक्सीफाई कर के हानिकारक तत्व बाहर निकाल कर किडनी को मजबूत और बीमारियों से दूर रखता है।

6 जोडों के दर्द के लिए उपयोगी-मखाने में कैल्शियम अधिक पाया जाता है जो जोडों और कमर दर्द में आराम देता है।

7 दिल की बीमारियों में उपयोगी इसके उपयोग से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है जो हृदय संबंधी रोगों का खतरा कम करता है।

8 पाचन में उपयोगी-इसमें एन्टी ऑक्सीडेंट और एस्ट्रिंजेंट बहुतायत में होते हैं जो दस्त में राहत देते हैं आसानी से पच जाते हैं और भूख में सुधार करते हैं।

9 गर्मी में मखाने का सेवन एक अच्छा उपाय है क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है तो ये शरीर की गर्मी को शांत कर राहत दिलाता है।

10 झुर्रियों से छुटकारा देता है मखाने का सेवन क्योंकि इसमें स्निग्ध गुण होता है जो त्वचा में तैलीय तत्व बनाए रखने में सहयोग देता है।

11 दस्त रोकने के लिए मखाने को घी में भून कर खाने से लाभ मिलता है।

12 मसूड़ों से होने वाले रक्तस्राव और सूजन रोकने में भी मखाना कारगर है यहां इसकी ठंडी तासीर काम आती है।

मखाना सेवन में सावधानियां:

 1 जिनको पहले से पेट की समस्या हो वो मखाना न खाएं क्योंकि इसकी खाने से कब्ज और वात की समस्या हो सकती है।

2 जिनकी शुगर कम रहती है वो इसका सीमित प्रयोग करें क्योंकि ये शुगर का स्तर कम करता है।

3 इसमें कुछ ऐसे यौगिक होते हैं जो एलर्जी की समस्या को पैदा कर सकते हैं इसलिए इसका प्रयोग जरूरत से ज्यादा न करें।

About the author

रचना दीक्षित

लखनऊ विश्वविद्यालय से अपनी उच्चतम शिक्षा सम्पूर्ण करने वाली रचना दीक्षित जी 2006 में ब्लॉगिंग के माध्यम से लेखन जगत से जुड़ीं। 'टंगी खामोशी' इनका प्रथम प्रकाशित काव्य-संग्रह है। आप मुंबई से प्रकाशित एक पत्रिका एवं त्रैमासिक पत्रिका की साह संपादिका एवं समीक्षक के तौर पर कार्यरत हैं। आप एक लेखिका होने के साथ-साथ एक शिक्षाविद एवं पोषण सलाहकार भी हैं ।

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