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आखिर क्यों सुर्खियों में हैं डेजी रॉकवेल

फोटो-गूगल से साभार

अश्रुत पूर्वा II

लेखिका, अनुवादक और चित्रकार डेजी रॉकवेल इन दिनों खासी चर्चा में हैं। उन्होंने कथाकार गीतांजलि श्री के उपन्यास ‘रेत समाधि’ का अंग्रेजी अनुवाद कर जो सुर्खियां बटोरी हैं वह बहुत कम लोगों को नसीब होता है। डेजी ने गीतांजलि के उपन्यास का अनुवाद ‘टॉम्ब आफ सैंड’ शीर्षक से किया। इसे हाल में अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है। यह पुरस्कार गीतांजलि और डेजी को साझा रूप से मिला। दोनों के बीच पुरस्कार राशि भी बराबर-बराबर बंटी।

डेजी अमेरिका की निवासी हैं। वे बहुआयामी प्रतिभा की धनी हैं। हिंदी को लेकर वे बहुत सहज हैं। वे कहती हैं, मेरे दिमाग में हिंदी और अंग्रेजी एक दूसरे में नहीं बहती। इसलिए जब मैं हिंदी से अंग्रेजी में अनुवाद कर रही होती हूं तो मैं हर शब्द को एक नए संसार में ले जा रही होती हूं। डेजी कहती हैं कि हिंदी के साथ मेरा रिश्ता एक स्थानीय वक्ता से बिल्कुल अलग है।

  • डेजी ने दक्षिण एशियाई साहित्य में पीएचडी की है। उन्होंने बर्कले विश्वविद्यालय में कई साल हिंदी पढ़ाया है। अध्यापन छोड़ने के बाद उन्होंने कला, अनुवाद और लेखन पर ध्यान केंद्रित किया। डेजी की दिलचस्पी अनुवाद की ओर कालेज की पढ़ाई के दौरान ही बढ़ी थी। वे अनुवाद को रचनात्मक लेखन बताती हैं। डेजी ने कई रचनाओं का अनुवाद किया है।

डेजी ने दक्षिण एशियाई साहित्य में पीएचडी की है। उन्होंने बर्कले विश्वविद्यालय में कई साल हिंदी पढ़ाया है। अध्यापन छोड़ने के बाद उन्होंने कला, अनुवाद और लेखन पर ध्यान केंद्रित किया। डेजी की दिलचस्पी अनुवाद की ओर कालेज की पढ़ाई के दौरान ही बढ़ी थी। वे अनुवाद को रचनात्मक लेखन बताती हैं। डेजी ने कई रचनाओं का अनुवाद किया है। इनमें उपेंद्र नाथ अश्क की लघु कथाओं का अनुवाद भी शामिल है। इसके अलावा उन्होंने हिंदी और उर्दू की कई रचनाओं का भी अनुवाद किया है। बता दें कि उन्होंने अश्क जी की जीवनी भी लिखी है।

डेजी भीष्म साहनी, उषा प्रियवंदा और श्रीलाल शुक्ल की रचनाओं का अनुवाद भी कर चुकी हैं। वे बताती हैं कि उन्हें हिंदी बोलने या पढ़ने में काफी समय लगा। मगर कोई भी भाषा तेजी से सीखती हूं। अब भी गलतियां करती हूं। मुहावरेदार वाक्य समझ में नहीं आते। वे कहती हैं कि जब हिंदी से अंग्रेजी में अनुवाद कर रही होती हूं तो हर शब्द को नई दुनिया में ले जा रही होती हूं।

 डेजी का पश्चिमी मैसाचुसेट्स में कलाकारों के परिवार में पालन पोषण हुआ। दादा नार्मन रॉकवेल लेखक होने के साथ बड़े चित्रकार थे। उन्होंने अमेरिकी साहित्य और इतिहास पर काफी काम किया था। डेजी के माता पिता भी कलाकार थे। इस तरह उन्हें परिवार से कला और साहित्य विरासत में मिला। जिसके कारण आज डेजी सुर्खियों में हैं। वे इस समय अनुवाद और प्रकाशन से जुड़ी पांच पुस्तकों पर काम कर रही हैं।

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