बाल वाटिका हितोपदेश

जीवन के सूत्र हैं चाणक्य के कड़वे बोल

अश्रुत पूर्वा II

नई दिल्ली। मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चाणक्य कुशल राजनीतिज्ञ और प्रकांड अर्थशास्त्री होने के साथ चतुर कूटनीतिज्ञ भी थे। कूटनीति के मामले में वे इतने विख्यात हुए कि उनकी नसीहत ही चाणक्य नीति बन गई। चाणक्य भारत के महान विद्वानों में से एक हैं। उनके बताए रास्ते पर मनुष्य चले तो उसका जीवन बेहतर बन सकता है।

चाणक्य की कही बातें आज भी याद की जाती हैं। उनकी नसीहतें ऐसी कि उन्हें याद कर आप अपना पूरा जीवन बदल सकते हैं। उनमें से कुछ उक्तियों को यहां दिया जा रहा है-

कोई भी काम शुरू करने के पहले तीन सवाल अपने आपसे पूछो-मैं ऐसा क्यों करने जा रहा हूं? इसका क्या परिणाम होगा? क्या मैं सफल रहूंगा?

हर मित्रता के पीछे कोई स्वार्थ जरूर होता है, यह कड़वा सच है।

भय को नजदीक न आने दो अगर यह नजदीक आए  तो इस पर हमला कर दो यानी भय से भागो मत इसका सामना करो।

सुगंध का प्रसार हवा के रुख का मोहताज होता है पर अच्छाई सभी दिशाओं में फैलती है।

ईश्वर चित्र में नहीं चरित्र में बसता है अपनी आत्मा को मंदिर बनाओ।

दुनिया की सबसे बड़ी ताकत पुरुष का विवेक और महिला की सुंदरता है।

काम का निष्पादन करो, परिणाम से मत डरो।

दूसरों की गलतियों से सीखो अपने ही ऊपर प्रयोग करके सीखने में तुम्हारी आयु कम पड़ेगी।

किसी भी व्यक्ति को बहुत ईमानदार नहीं होना चाहिए। सीधे वृक्ष और व्यक्ति पहले काटे जाते हैं।

कोई भी व्यक्ति अपने आचरण से महान होता है जन्म से नहीं।

ऐसे व्यक्ति जो आपके स्तर से ऊपर या नीचे के हैं उन्हें दोस्त न बनाओ, वह आपके कष्ट का कारण बनेंगे। सामान स्तर के मित्र ही सुखदायी होते हैं।

अपने बच्चों को पहले पांच साल तक खूब प्यार करो। छह साल से पंद्रह साल तक कठोर अनुशासन और संस्कार दो। सोलह साल से उनके साथ मित्रवत व्यवहार करो।

आपकी संतति ही आपकी सबसे अच्छी मित्र है।

शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है। शिक्षित व्यक्ति सदैव सम्मान पाता है। शिक्षा की शक्ति के आगे युवा शक्ति और सौंदर्य दोनों ही कमजोर है।  

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